(Nuh News) नूंह। जिला में गुरूवार को आदि कवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती धूम धाम से मनाई गई। जिला के तावडू, पुन्हाना, नगीना, फिरोजपुर झिरका, पिनगवा व नूंह आदि में बने भगवान वाल्मीकि मंदिरों के अलावा अन्य मंदिरों में भी भगवान वाल्मीकि जी की पूजा अर्चना की गई।
कई जगहों पर बच्चों को महर्षि वाल्मीकि, लव-कुश आदि बनाकर उनके जीवन पर प्रकाश डाला गया। इसी तरह एक कार्यक्रम में वक्ताओं मा0 टेकचंद, अजय कुमार, रमेश चन्द, वाल्मीकि समाज के प्रधान कृष्ण, डॉ0 संजय आदि ने बताया कि भगवान श्री वाल्मीकि जी ने समाज को अच्छे कार्य करने की प्रेरणा दी, हर व्यक्ति को चाहिए कि वह आगे बढने के लिए महर्षि वाल्मीकि जी के बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लें। वाल्मीकि जी ने अंधेरे से उजाला व बुराई से अच्छाई का संदेश दिया।
परमपिता ब्रह्मा के कहने पर भगवान वाल्मीकि जी ने भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित रामायण नामक महाकाव्य लिखा। ग्रंथों में इन्हें आदि कवि कहा गया है। इनके द्वारा रचित आदिकाव्य श्रीमहाल्मीकीय रामायण संसार का सर्वप्रथम काव्य माना गया है। इस मौके पर भगवान वाल्मीकि जी के चित्र पर पुष्पार्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। महर्षि वाल्मीकि ने अपने पूरे जीवन में कोई भी काम ऐसा नही किया जिसे पाप या अपराध की श्रेणी में रखा जाए, वह महर्षि प्रचेतस के पुत्र थे। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए।उन्होंने कहा कि मनुष्य को यदि संकल्प लेना है तो वह अपने जिम्मेवारी का अच्छे तरीके से निर्वाह करे।
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