Nuh News : नेताओं की अनदेखी बनी चर्चा का विषय, स्वार्थ की राजनीति बनी समस्या

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नेताओं की अनदेखी बनी चर्चा का विषय, स्वार्थ की राजनीति बनी समस्या
एक बागी प्रत्याशी रैली करते हुए

(Nuh News) नूंह। सत्तारूढ भाजपा व विपक्षी कांग्रेस समेत अन्य दलों द्वारा पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं, नेताओं की कथित तौर से की गई अनदेखी सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनती जा रही है। कई वर्षों तक पार्टी का झण्डा उठाना, दरी बिछाना, बैठके करना व अपने नेता के लिए जी-जान से जुटने के अलावा नारा बुलंद करने वाले कार्यकर्ताओं की चुनाव आते ही टिकट काटकर एकाध दिन में आने वाले को टिकट देने से सभी को सोचने के लिए मजबूर कर दिया हैं।हैरत की बात देखने को यह मिल रही है कि सभी छोटे-बड़े दल अपनी पार्टी को कार्यकर्ताओं की पार्टी का राग अलापते आ रहे हैं लेकिन चुनाव के समय पार्टी के प्रति समर्पित, निष्ठावान कार्यकर्ताओं की निष्ठा, समर्पण भावना को ताक में रखकर मौका परस्त को अपने व पार्टी के कथित स्वार्थ के खातिर टिकट थमा देते हैं।

हांलाकि, सूबे की सियासत में यह बात कोई नई नही हैं। चुनाव के दौरान नेताओं, कार्यकर्ताओं की पार्टी अदल- बदल व आया राम -गया राम की सियासत से हरियाणा में यह बात जग जाहिर हैं, लेकिन इस बार के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ दल भाजपा व विपक्षी कांग्रेस ने टिकट की आस में पार्टी के प्रति समर्पित निष्ठावान नेताओं को किनारे लगाते हुए बेटिकट कर दिया।दरअसल, सियासी दलों में आपसी खींचतान के चलते भी पार्टी हाई कमान कई बार गुमराह होने की वजह से भी टिकट आवंटन में देरी व टिकट कटने की मजबूरी बन जाती हैं। ऐसी स्थिति में पार्टियों के बागी चुनावी रण में उतरकर अपनों की जीत के लिए रोड़ा बन जाते हैं।