
(Nuh News) नूंह। जिला में शनिवार को गोवर्धन पूजा धूमधाम से की गई। सुबह से ही मंदिरों में अन्नकुट प्रसाद बनाकर विशाल भण्डारा किया गया। जब भगवान श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को मूसलधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिन तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाकर रखा और गोप-गोपिकाएँ उसकी छाया में सुखपूर्वक रहे। सातवें दिन भगवान ने गोवर्धन को नीचे रखा और प्रतिवर्ष गोवर्धन पूजा करके अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी। तभी से यह उत्सव अन्नकूट के नाम से मनाया जाने लगा।
तावडू स्थित प्राचीन देवीभवन मंदिर, सीताराम मंदिर हनुमान वाली गली, सनातन धर्म मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर,शिव शनि पीठ डिढारा, नूंह स्थित कैलाश मंदिर, भूतेश्वर, राम मंदिर, गरीबनाथ मंदिर, माता वैष्णो मंदिर, शिवद्वेश्वर मंदिर, नगीना में प्राचीन शिव मंदिर अस्थल, श्री सीताराम मंदिर ,श्री शिव मंदिर बगीची आदि मंदिरों पर अन्नकूट का प्रसाद में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा था। दोपहर को गोबर का गोवर्धन महाराज बनाकर रात्रि में सह परिवार परिक्रमा लगाकर पूजा अर्चना की।
बृज चौरासी कोस के अन्तर्गत आने वाले मेवात क्षेत्र में गोवर्धन महाराज की पूजा का विशेष महत्व हैं। लोगों ने संगीतमय ढंग से बाबा का गुणगान किया। इस मौके पर गौपूजन का भी विशेष महत्व होने पर लोगों ने गोपूजन भी किया। लोगों की माने तो कई दिनों से लगातार विभिन्न उत्सव,पर्व होने की वजह से घरों में बाजारों में विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए गए ।
उन व्यंजनो को खाने की वजह से पेट में कई प्रकार के विकार उत्पन्न हो जाते हैं। उन विकारों को दूर करने के लिए अन्नकूट के भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें कढ़ी,बाजारा, बैंगन ,मूली ,गोभी आदि की मिक्स सब्जी बनाई गई। गोवर्धन पर्व के उपलक्ष में भंडारा का आयोजन किया गया। जिसमें 36 बिरादरी के सदस्यों ने भंडारा में सम्मिलित होकर प्रसाद ग्रहण किया।
वहीं, भक्तजन सतीश सक्सेना, रजत जैन, सोनिया, शिवानी सक्सेना, पिंकी सक्सेना, सुनीता, भावना, कमला आदि ने बताया कि शहरी जीवन में पशुओं को कम पालने से हर बार गोवर्धन प्रतिमा के लिए गोबर का टोटा हो जाता है और जगह-जगह कई दिन पहले ही बुक कराने के बाद ही गोबर मिल पाता है इससे यह ज्ञान मिलता है कि पशुधन पालना अति आवश्यक हैं। वहीं, भाई दूज पर्व की पूर्व संध्या पर महिलाओं ने जमकर खरीददारी की तथा अपने भाई के घर पर्व मनाने व भाई अपनी बहनों के घर पर्व मनाने की तैयारियों में जुटे हुए थे तो कई बहने अपने भाईयों के टीका करने एक दिन पहले ही निकल चुकी थी।
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