Nuh News : अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर मेवात की साक्षर दर कम होने पर दुख व्यक्त किया

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Expressed grief over low literacy rate of Mewat on the occasion of International Literacy Day.
अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में मेवात में साक्षर दर कम होने पर चर्चा करते हुए सामाजिक लोग

(Nuh News) नूंह। अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के मौके पर रविवार को आयोजित कार्यक्रमों में मेवात की साक्षर दर कम होने का गुस्सा जमकर फूटा। अखिल भारतीय जनसेवक समाज (पंजी0) द्वारा अपने उप कार्यालय पर आयोजित एक विचार गोष्ठी के दौरान जिला अध्यक्ष व सामाजिक नेता हाजी काले खान ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस का उददेश्य व्यक्तिगत सामुदायिक और सामाजिक रूप से साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डालना हैं, यह उत्सव दुनियाभर में मनाया जाता है और वर्ष 1966 में पहलीबार यह मनाया गया। किसी भी देश की परिस्थिति में शिक्षा ही वह ऐसी अलख है जिसके माध्यम से समाज, देश को जागरूक करके उसे ऊंचाईयों पर ले जाकर विकसित किया जा सकता हैं।

उन्होंने बताया कि सूबे का सर्वाधिक पिछड़ा जिला नूंह(मेवात) की साक्षर दर अन्य क्षेत्रों की अपेक्षा कम हैं, खासकर लड़कियों की शिक्षा व ड्रापआउट पर लोगों का ध्यान कम हैं। जबकि दीनी शिक्षा को अधिक महत्व दिया जा रहा हैं इस तरह के दिवसों के माध्यम से पूरी दुनिया में साक्षर बढ़ाने के लिए काम किया जाता हैं, लोगों को संदेश दिया जाता हैं। परन्तु तुलनात्मक दृष्टि से भी देखा जाए तो मुस्लिम बाहुल्य जिला सूबे के अन्य जिलों से साक्षर दर में सबसे पीछे हैं। हमें यहां की शिक्षा दर बढाने के लिए और बहुत काम करना होगा।

इसी तरह, सेवानिवृत प्रो0 सुभाष सपड़ा, सेवानिवृत मुख्याध्यापक केएल तनेजा, राम लाल गहलोत, सुगन चंद गर्ग, मास्टर प्रेम सिंह, पंडित शंकर आदि ने भी एक संदेश में कहा कि हमें भी इस दिशा में लोगों को जागरूक करना होगा खासकर पिछड़े जिला नूंह(मेवात) में साक्षर दर बढ़ाने की दिशा में लोगों को जागरूक करने की पहल करनी होगी। शिक्षा के जरिये क्षेत्र का पिछड़ापन दूर किया जा सकता है।इस मौके पर प्रधान नम्बरदार सुरेन्द्र सिंह, जमील पुत्र इस्लाम मेवली, अजरुद्दीन कांगरका, इरफान कांगरका,सुन्दर सिंह कांगरका, सुबेदीन तावडू आदि भी मौजूद रहे।