Nuh News : हरियाणा के आरोही मॉडल स्कूलों के कर्मचारी नियमितीकरण के लिए आंदोलनरत, काले कपड़े पहनकर दर्ज करवाया विरोध

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Employees of Aarohi Model Schools of Haryana agitating for regularization, registered their protest by wearing black clothes
हरियाणा के आरोही मॉडल स्कूलों के कर्मचारी नियमितीकरण के लिए काले कपड़े पहनकर विरोध करते हुए

(Nuh News) नूंह। आरोही स्टाफ वेलफेयर एसोसिएशन हरियाणा (असवा) ने प्रदेश के 36 आरोही मॉडल स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं के नियमितीकरण के लिए लोकतांत्रिक ढंग से आंदोलन का रास्ता अपनाया है। 9 अगस्त को सभी आरोही स्कूलों का सारा स्टाफ विद्यालय में काले कपड़े पहन कर आया और बाकी दिनों की भाँति अपनी ड्यूटी निभाई। यूनियन के राज्य प्रधान सतेंद्र बनवाला ने बताया कि आरोही स्कूल नवोदय विद्यालयों की भाँति आवासीय विद्यालय हैं जिनको हरियाणा सरकार चलाती है। हरियाणा के सर्वश्रेष्ठ स्कूलों में आरोही स्कूल सबसे पहले आते हैं। ज्ञातव्य हो कि 2011 में आरोही स्कूल खोलने के और कर्मचारियों को भर्ती करने के लिए बायलाज बनाये गये थे। उनके आधार पर वित्त विभाग ने 2232 पदों का सृजन किया था। जिनके 5 साल पूरा करने पर नियमितीकरण का प्रावधान भी था।

नियमित कर्मचारी की तरह ही वेतनमान देय था, साथ ही सभी प्रकार के भत्ते इत्यादि भी नवीनतम व संशोधित वेतनमान के अनुसार देय थे। भर्ती होने के साथ ही सभी कर्मचारियों को वेतन आयोग के अनुसार ही वेतन का भुगतान किया जाना था। 2012 में हरियाणा सरकार द्वारा सभी मानकों को ध्यान में रखते हुए 36 आरोही मॉडल स्कूलों में प्राचार्य, प्राध्यापक और लाइब्रेरियन की भर्ती पूरी की। भर्ती होने के लिए सरकार द्वारा उच्चतम मापदण्ड को अपनाया गया था। भर्ती के 5 साल पूरा होने पर दिनांक 05.02.2018 को पत्र भेजकर शिक्षा विभाग द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से नियमित करने संबंधित केस माँगे गये। सभी केस विधिवत रूप से निदेशालय में जमा करवा दिए गए। अक्तूबर 2018 में पुन: पत्र भेजा गया और बाकी केस भी माँगे गये। सरकार ने एचएसएससी के माध्यम से एक भर्ती का परिणाम घोषित किया, जिसमें आरोही स्कूलों से सैंकड़ों अध्यापक उसमें चयनित हुए। उन्होंने इस्तीफे दे दिए जिसके वजह से आरोही स्कूल खाली होने लगे। इसके ऊपर कार्यवाही करते हुए विभाग ने 4 दिसंबर 2018 को एक पत्र जारी किया, जिसमें 5 साल पूरा करने वाले सभी कर्मचारियों को पक्का करने की बात दोहराते हुए इस्तीफा देने वाले सभी कर्मचारियों को अपने इस्तीफे वापिस लेने के निर्देश दिये गये। जिन्होंने इस्तीफे दिए थे उन कर्मचारियों ने विभाग के पत्र पर भरोसा करते हुए अपने इस्तीफे वापिस ले लिये।

विभाग द्वारा नियमितीकरण की फाईल निदेशालय में लंबित चलती रही। एसोसिएशन के अनुसार, कर्मचारियों की सेवाओं का नियमितीकरण पिछले सात वर्षों से लंबित है और कई बार आश्वासन मिलने के बावजूद भी प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है।आरोही कर्मचारियों का कहना है कि 2012-13 से निरंतर सेवाएं देने के बाद भी उनका नियमितीकरण नहीं हुआ है। आरोही स्टाफ ने साफ किया है कि यदि 15 अगस्त तक नियमितीकरण पर ठोस पत्र जारी नहीं हुआ तो 16 अगस्त से यूनियन आंदोलन के रास्ते पर चलने को मजबूर होगी। शिक्षा के मामले में 36 पिछड़े ब्लॉक में ये आरोही स्कूल खोले गये हैं। पानीपत व महेंद्रगढ़ में 1-1, भिवानी में दो, कैथल व जींद में 3-3, पलवल में 4, मेवात व फतेहाबाद में 5-5, हिसार व सिरसा में 6-6 स्कूल खोले गये हैं जो कुल 36 विधानसभा क्षेत्रों में शिक्षा के मामले में अपना अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। यहाँ के पढ़े हुए बच्चे हरियाणा बोर्ड में टॉपर रहते हैं और पढ़ाई पूरी करते ही प्रशासनिक अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, सीए, अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ी के अलावा सेना, केंद्र व राज्य सरकार में उच्च पदों पर कार्यरत हैं।