Nuh News : हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से जिला में चुनावी सरगर्मिंयां तेज

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Election activities intensified in the district due to the announcement of Haryana Assembly election dates.
एक चुनावी कार्यालय पर आयोजित चुनावी कार्यक्रम के दौरान एक दावेदार

(Nuh News) नूंह। हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के साथ ही सूबे में चुनाव को लेकर अटकलों व अफवाहों का दौर जहां थम सा गया है वहीं, दूसरी ओर सियासी सरगर्मियों में ऊबाल सा आ गया है। स्वतंत्रता दिवस के अगले दिन के साथ-साथ रक्षाबंधन व श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व के करीब चुनाव की तिथियों का ऐलान करने से सत्तारूढ दल भाजपा के साथ-साथ आगामी नई सरकार की ताजपोशी को लेकर एक बार फिर जिला में अटकलों व अफवाहों का दौर शुरू हो गया हैं। चाय-पान,बीड़ी-सिगरेट, गली-मोहल्लों व चौपालों आदि पर चुनाव के साथ-साथ नई सरकार को लेकर बहस का दौर शुरू हो गया हैं। जिला के अलावा साथ लगती सोहना विधानसभा में सियासी दलों के खुले कार्यालयों पर दावेदारों के साथ-साथ उनके समर्थकों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई है। जिला के सियासी जानकारों की माने तो इस बार यह विधानसभा चुनाव जहां रोचक होने के आसार बने हैं वहीं, सत्तारूढ दल के विधायक, मंत्री आदि तक के टिकट का पत्ता कटने की जहां बात जग जाहिर हैं वहीं, सत्तारूढ व अन्य दलों के दावेदार भी पासा पलट कर चुनावी रण में कूद सकते हैं।

यहां यह बताना जरूरी है कि जिला मुख्यालय नूंह, पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका समेत तीनों सीटों पर कांग्रेस काबिज हैं। कांग्रेस फिर से काबिज होने के फिराक में सत्तारूढ दल भाजपा की जन विरोधी नीतियों को ढाल बनाकर जिला के मुस्लिम बाहुल्य मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए ताना बाना बुन रही हैं जबकि सत्तारूढ दल से 2019 की हार का बदला लेने के लिए विपक्षी दल कांग्रेस ताबड़तोड़ हमला कर रही हैं, सत्तारूढ दल भी प्रदेश की उन्नति, खुशहाली, जिला के विकास व पढे-लिखे बेरोजगार युवाओं को बगैर पर्ची-खर्ची नौकरियां देने के लोक लुभावनी बात कहकर मतदाताओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है। इसी तरह अन्य विपक्षी दल के दावेदार भी कांग्रेस व भाजपा को कोसते दिख रहे हैं और बदलाव व विकास के लिए सहयोग की अपील कर रहे हैं।

उधर, दूसरी तरफ जिला की आधी समझी जाने वाली सोहना-तावडू विधानसभा पर 2014 से काबिज सत्तारूढ दल भाजपा की हैट्रिक को रोकने के लिए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस समेत अन्य दलों के दावेदार लम्बे समय से सक्रिय हैं। भाजपा से हार का हिसाब चुकता करने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा हैं। भाजपा के एक दशक के लम्बे धोखे ,भ्रष्टाचार, अन्याय, अत्याचार आदि से निजात दिलाने के अलावा क्षेत्र की उन्नति, खुशहाली के पथ पर लाने मतदाताओं से बदलाव के लिए सहयोग की अपील करते नजर आ रहे हैं। विपक्षी दलों से ताल्लुक रखने वाले दावेदार दावा कर रहे हैं कि अब की बार सूबे से भाजपा जा रही हैं और उनकी पार्टी की सरकार बनाने के लिए मतदाता 1 अक्तुबर के दिन एकतरफा मतदान करने का इंतजार कर रहे हैं।