Nuh News : कांग्रेस के गढ़ में भाजपा की डगर मुश्किल

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Difficult path for BJP in Congress stronghold
कांग्रेस पार्टी ध्वज का फोटो

(Nuh News) नूंह। सूबे के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह(मेवात) की राजनीति क्षेत्रवाद, जातिवाद व गोत्रवाद पर रही हैं। लोकसभा, विधानसभा चुनाव में सत्ता की हसरत पूर्ण करने के लिए प्रत्याशियों को इस दौर से गुजरना पड़ता हैं। देश-प्रदेश की राजनीति में अच्छा खासा दखल रखने वाले मरहूम पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल का मेवात की सियासत में अच्छा खासा दखल रहा हैं। जिन्हें भेदना दूसरी पार्टियों के लिए दुष्कर रहा हैं।

लेकिन पार्टी की कमान संभाल रहे पूर्व मुख्यमंत्री व इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के दिन के गर्दिश व इनेलो बिखराव के बाद 2019 में विपक्षी कांग्रेस ने इनेलो के गढ़ माने जाने वाले नूंह(मेवात) की तीनों सीटों पर कब्जा कर लिया और मेवात को कांग्रेस का गढ़ बनाने की दिशा में पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुडडा व उनके सांसद पुत्र दीपेन्द्र सिंह हुडडा ने वर्तमान की तीनों सीटों पर कब्जा बरकरार रखने के लिए अपने वर्तमान विधायकों को ही रण क्षेत्र में उतारा हैं।

जबकि, सत्तारूढ दल भाजपा ने वर्ष 2014 में जिला नूंह(मेवात) के मुस्लिम बाहुल्य तीनों सीटों पर कमल खिलाने का हर संभव प्रयास भी किया हैं। पार्टी के पास जिला के नामचीन परिवार के सियासतदान भी जुड़े हुए हैं। इसके बावजूद 2014 के चुनाव में हॉट सीट नूंह व फिरोजपुर झिरका पर इनेलो व पुन्हाना से निर्दलीय विजयी रहे। 2019 के चुनाव में जिला मुख्यालय नूंह ,पुन्हाना व फिरोजपुर झिरका समेत तीनों सीटों पर कांग्रेस काबिज हैं। तीनों सीटों पर कब्जा बरकरार रखने के लिए भी पार्टी ने तीनों मौजूदा विधायकों पर रणक्षेत्र में उतारा है। तीनों विधायकों को पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुडडा का करीबी माना जा रहा हैं।