(Nuh News) नूंह। जिला में मंगलवार को देवोत्थान( देवठनी एकादशी ) पर्व बडी धूमधाम से मनाया गया। मंगलारती से ही मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड पडा था और व्रतधारी श्रद्वालूओं ने अपने अराध्य की पूजा अर्चना कर उनकी महिमा का गुणगान किया। कई मंदिरों में शालीग्राम-तुलसी विवाह के कार्यक्रम आयोजन हुए। इसी तरह, आज से विवाहोत्सव व धार्मिक कारज शुरू हो जाने से जगह-जगह शादियों के टैंट लगे हुए व बारातों की धूम मची हुई थी। प्राचीन देवी भवन मंदिर तावडू के पुजारी पंडित विनोद शर्मा ने बताया कि हिन्दु पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवठनी एकादशी कहा जाता है।
यह तिथि भगवान विष्णू को समर्पित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार 4 माह बाद भगवान विष्णू योग निंद्रा से जागते हैं। इस तिथि से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि दवोत्थान एकादशी की पूजा का फल दोगुना मिलता हैं। देवठनी एकादशी(देवोत्थान) पर्व के बाद विवाह-शादियों के मूहर्त शुरू हो गये। कई माह से हलवाई, बैंडबाजे वाले, साज- सज्जा, वाटिका के अलावा विवाह शादियों के व्यवसाय से जुडे लोग विवाह शादियों के शुरू होने का इंतजार कर रहे थे क्योकि इससे उनके साल भर का गुजारा चलता है।
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