(Nuh News) नूंह। रबी फसलों का बुआई का दौर शुरू हो गया है खासकर जिला में सर्वाधिक मात्रा में बोई जाने वाली सरसों की बिजाई कनागती अमावसया से शुरू हो जाती है लेकिन बुआई के लिए किसानों को डीएपी खाद मुहैया नहीं कराया जा रहा हैं इससे किसान बुआई से पिछड़ रहे हैं। किसानों का आरोप है कि जिला में हर बार खाद को लेकर मची मारा मारी के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
जिला में कनागती अमावस के बाद से सरसों की बिजाई का काम चल निकलता हैं
बुग्गर, जाकिर, अलीजान, उसमान, नूरू,सुनील, कुमार, सुभाष चंद, भूपेन्द्र सिंह, मदनलाल मैहन्दीरत्ता, शिव प्रकाश, सुरेन्द्र सिंह, वजीर खान, हारून, मुनफेद, जुनेद आदि ने बताया कि जिला में कनागती अमावस के बाद से सरसों की बिजाई का काम चल निकलता हैं। लेकिन इस बार मौसम दगाबाज रहने से सरसों की बिजाई गत वर्षों की अपेक्षा इस बार लेट बिजाई की जा रही हैं जबकि बिजाई के लिए किसानों ने भूमि भी तैया कर ली हैं लेकिन सरकारी निजि दुकानो ंसे डीएपी खाद ना मिलने से किसान परेशान हैं।
इससे बिजाई का काम भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहा हैं। उन्होंने बताया कि तावडू शहर के निजि व सरकारी एजेंसियों के यहां डीएपी खाद का स्टॉक शुन्य ही बताया गया हैं जबकि आसपास व दूर दराज के क्षेत्रों में भी डीएपी खाद नहीं मिल पा रहा हैं। उन्होंने बताया कि जिला के करीब 80 फीसदी लोग खेती पर ही निर्भर हैं लेकिन बुआई के लिए डीएपी खाद नहीं मिलने से वह सरकारी व निजि खाद एजेंसियों के यहां धक्के खाने के बाद समस्या का समाधा नहीं हो पा रहा है।
इस बारे में उप मण्डल कृषि अधिकारी डा0 अजीत सिंह के मोबाईल पर सम्पर्क करने पर घण्टी तो दनदनाती रही लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने से उनका तर्क संगत नहीं किया जा सका हैं जबकि खण्ड कृषि अधिकारी श्याम सुन्दर ने माना कि डीएपी खाद की कमी हैं और साथ ही दावा किया कि उच्चाधिकारियों को स्थिति से अवगत कराया जा चुका हैं।
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