(Nuh News) नूंह। जिले का दिल कहलाने वाला उप मण्डल स्तर के छोटे शहर तावडू वासी नव गठित जिला मेवात(अब नूह) 2005 से गुरूग्राम में शामिल होने का लगातार राग अलाप रहे हैं। खासकर वर्ष 2014 में केन्द्र व हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने से इस बहुप्रतिक्षित मांग के पूरी होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन उप मण्डलवासियों को इस मुददे पर झुनझुना ही मिला हैं। लोकसभा, विधानसभा चुनाव के दौरान भी यह मुददा जमकर सुर्खियां बटोर रहा हैं लेकिन कोई ठोस पैरोकार न होने से उप मण्डलवासियों की इस अहम मांग को सत्तारूढ दल भाजपा व प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने पूरा नहीं किया हैं।
हैरत की बात देखने को यह मिल रही है कि हुई नई परिसीमन के दौरान तावडू को प्रशासनिक दृष्टि से जिला नूंह(मेवात) में रखा गया हैं और विधानसभा साईबर जिला गुरूग्राम में शामिल हैं। इससे उप मण्डलवासियों पर दोहरी मार भी पड़ रही हैं। उप मण्डलवासियों की माने तो अब सूबे में 2026 में प्रस्तावित नया परिसीमन होने से लोकसभा और विधानसभा के क्षेत्र में बदलाव की संभावना हैं। नए परिसीमन के लिए, सूबे में 10 की बजाये 14 लोकसभा और 90 विधानसभा सीटों की जगह 126 विधानसभा सीटे प्रस्तावित हैं।
जिनमें से 3 लोकसभा(1 अधिक) और 25 विधानसभा(8 अधिक) क्षेत्र आरक्षित होने की संभावना हैं। क्षेत्र के सामाजिक नेता केएल मदान, मदन मैहन्दीरत्ता, पाली गाबा, झब्बू सहरावत, लीलू प्रधान, पूरन सिंह, सुरेन्द्र सोनी उर्फ चाटू, नरेश सोनी, सुशील बंसल, चौधरी शिवदत, सतपाल, हेमंत, सुभाष चंद, सेवानिवृत मुख्याध्यापक केएल तनेजा, सुगन चंद गर्ग, नंदा फौजी, ओमप्रकाश, रामकिशन नम्बरदार, दयाराम नम्बरदार, लखपत नम्बरदार, राजेश, नपा के निवर्तमान उप प्रधान कल्लू उर्फ कर्मसिंह, पूर्व पार्षद बाबूलाल, घासी राम नम्बरदार व राजीव आदि के अलावा तावडू उप मण्डल विकास समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि पूर्व में हुए परिसीमन के साथ-साथ वर्ष 2005 में नए जिला बने मेवात की मार उप मण्डलवासियों पर पड़ी थी। कांग्रेस, भाजपा की अब तक रही हकूमत के दौरान लोगों द्वारा की गई आवाज बुलंद का कोरे आश्वासन के सिवाये आज तक कुछ नहीं मिल सका हैं।
लोकसभा-विधानसभा चुनाव के दौरान भी यह आवाज खूब मुखर रही हैं और अब 2026 में प्रस्तावित नए परिसीमन से क्षेत्रीय सांसद व केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह, नवागत भाजपा विधायक तेजपाल तंवर और भाजपा हाई कमान से जिला के साथ-साथ परिसीमन से खोई वाटरलू विधानसभा तावडू का अस्थित्व बहाल होने की उम्मीद जगी हैं। उनके अनुसार पूर्व में उनका कोई पैरोकार न होने से इन मुददों पर उनकी अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी हैं। जबकि, अब उनके पास “हेवीवेट” पैरोकार है जिनसे उप मण्डलवासियों की इन बहुप्रतिक्षित मांग के पूरे होने की उम्मीद जगी हैं।
इस बारे में उप मण्डलाधीश तावडू व जिला उपायुक्त से सम्पर्क करने पर बताया गया कि अवकाश की वजह से कार्यालय में कोई अधिकारी- कर्मचारी मौजूद नहीं हैं और उनके मोबाईल फोन से भी सम्पर्क न हो पाने से उनका तर्क संगत नहीं हो सका है।
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