(Nuh News) नूंह। सूबे के मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह(मेवात) की आपसी भाईचारे की गंगा -जमुनी संस्कृति के रिश्तों में कथिततौर से खटास आ रही है। इससे आपसी भाईचारे का सामाजिक तानाबाना भी ठीक से रूप नहीं ले रहा हैं। 31 जुलाई 2023 नल्हड जलाभिषेक यात्रा के दौरान हुई नूंह हिंसा मामलें से भी दोनों समाज के रिश्तों में तुल्खी की बात जग जाहिर है।
हांलाकि, घटना के बाद दोनों समुदाय के साथ-साथ प्रशासनिक तौर से भी दोनों समुदाय के बीच वर्षों से आपसी भाईचारे की गंगा-जमुनी संस्कृति को बरकरार रखने की दिशा में पहल की गई थी। जिला के एक समुदाय के कारोबारियों की माने तो बाबरी मस्जिद विध्वंस कांड के दौरान 1992 में उपजे विवाद के दौरान रिश्तों में आई खटास की खाई को तो जैसे- तैसे दोनों समुदाय के सामाजिक लोगों द्वारा की गई पहल के जरिये पाट दिया लेकिन जलाभिषेक यात्रा के दौरान बाहरी लोगों द्वारा मचाये गये बवाल से यहां के आपसी भाईचारे की गंगा-जमुनी संस्कृति में फिर से दरार डाल दी थी। इससे मुस्लिम बाहुल्य जिला नूंह(मेवात) एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया था।
शासन-प्रशासन व दोनों समुदाय की ओर से दोनों समुदाय में फिर से उपजी भ्रान्ति को पाटने की शुरू हुई पहल के बाद जिला का जन जीवन पटरी पर ला दिया गया लेकिन इससे प्रभावित जिला का कारोबार अभी भी पटरी पर सही रूप से नहीं ले सका हैं और रही सही कसर विगत दिनों त्योहारी सीजन में जिला के गांव नाहरपुर- कांगरका(तावडू) के बीच किसी बात को लेकर दो अलग-अलग समुदाय में हुए विवाद से नाहरपुर निवासी मलकीत सिंह पुत्र ढोलन सिंह की हुई दर्दनाक मौत से आपसी भाईचारे की गंगा-जमुनी संस्कृति ने फिर से दरार डालने का काम किया हैं। हुआ यूं कि तावडू खण्ड के गांव नाहरपुर में किसी बात को लेकर हुए दो अलग-अलग समुदाय के बीच हुए झगडे में गंभीर रूप से चोंटिल मलकीत सिंह पुत्र ढोलन सिंह की उपचार के दौरान मौत हो गई हैं।
हांलाकि, पुलिस ने दो दर्जन नामजद आरोपियों समेत करीब 6 दर्जन अन्यों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया हुआ हैं। 8 अक्तुबर को घटित इस घटना के दौरान गांव कांगरका के विशेष समुदाय के व्यक्तियों द्वारा गांव नाहरपुर के मृतक मलकीत सिंह व उसके परिवार के सदस्यों पर लाठी-डंडों, लात-घूसों से किये गये ताबड तोड़ हमले के बाद उसे अधमरा कर जान से मारने की धमकी देकर चले गये थे। पुलिस ने गंभीर रूप से चोंटिल मलकीत सिंह के बयान पर गांव कांगरका(तावडू) सदर थाना तावडू पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला भी दर्ज कर लिया था। घटना में मृतक का भाई कुलदीप भी चोंटिल हो गया था। फरीदाबाद के एक निजि अस्पताल में उपचाराधीन मलकीत सिंह की इस दौरान मौत हो गई। मलकीत की मौत की खबर ने जंगल में आग का काम किया और गांव कांगरका के आरोपी समेत उनके करीबी भी गांव को छोडक़र फरार हो गये।
इससे फिर दो समुदाय के रिश्तों में दीपावली पर्व के दौरान खटास आ गई हैं और चौतरफा इस मामलें की आलोचना की जा रही हैं। क्षेत्रवासियों का कहना है कि गांव नाहरपुर में एक मात्र ही एक सिक्ख परिवार बसा हुआ हैं और 8 अक्तुबर को नाहरपुर व कांगरका गांव के किसी बात को लेकर उपजे विवाद के दौरान चोंटिल मलकीत सिंह की हुई मौत के बाद दोनों समुदाय के बीच संबंध तल्ख हो गए हैं। गांव नाहरपुर में मृतक मलकीत सिंह के पिता ,परिजनों व उनकी विधवा को सांत्वना देने के लिए दोनों समुदाय के लोग भी पहुंच रहे हैं। मलकीत सिंह की मौत के बाद गांव में जहां मातम छाया हुआ है तो वहां बना गुरद्वारा भी वीरान पड़ा है और मातमी दौर से गुजर रहा हैं जबकि इससे पूर्व गुरद्वारे में रोजमर्रा शबद कीर्तन, पाठ, अररास व श्रद्वालूओं की आवाजाही रहती थी। इसी तरह, आरोपी भी अपने घरों के ताला लगाकर भागे हुए हैं।
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