(Nuh News) नूंह। वायु प्रदुषण के दुष्परिणामों को भुगत रहे नागरिकों की हिफाजत के लिए आतिशबाजी पर रोक लगाकर हरित पटाखे छोडने का फरमान जारी किया गया था, ताकि वायु गुणवत्ता के प्रति घोर निराशा के मंजर पर रोक लगाई जा सके। लेकिन जिला व आसपास के क्षेत्रवासियों ने आदेशों को धत्ता बताते हुए दीपावली पर लगे पटाखों के प्रतिबंध का खुलकर उल्लंघन किया जा रहा है।
जिला के छोटे शहर, कस्बा के अलावा ग्रामीण इलाकों में जमकर पटाखें फोडे जा रहे हैं। सबसे दिलचस्प बात देखने को यह मिल रही थी कि जिला के अधिकांश इलाकों में एक लोहे की बनी पटाखा फोड़ कृत्रिम नाल में पोटाश भरकर लोग फोड़ते नजर आये। ऐसे युवा नाल फोडते हुए अपने वीडियो, फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड करके लोगेां पर अपना रोब दिखा रहे थे। इससे दूर-दूर तक वायु प्रदुषण दूषित दिखाई दे रहा है और जोरदार ढंग से पटाखों की आवाजें सुनाई देने लगी। जिला के कई दुकानदार भी प्रतिबंध का उल्लंघन करते हुए बच्चों को पटाखे बेचते दिखाई दिये। दीपावली के बाद भी घरों, बाजारों, सार्वजनिक जगहों, मैदानों आदि में अभी भी पटाखें फोडने की आवाजें सुनाई दे रही हैं। जबकि, कई इलाकों में पटाखों की लडियों के जरिये उन्हें फोडा जा रहा हैं।
हांलाकि, आतिशबाजी से जिला रेवाडी व मेवात के बीसरू क्षेत्र में घटनाएं घटी हैं। लेकिन इसके बावजूद भी आतिशबाजी का शोर मचा हुआ है। पर्यावरण प्रेमी मास्टर किशन तनेजा, सुगनचंद गर्ग, गुलशन नरूला, आनंद प्रकाश नम्बरदार, पूर्व पार्षद बाबूलाल, महेन्द्र सिंह, प्रकाश चंद, रणधीर सिंह, अनिल कुमार, राजू व संजय आदि ने बताया कि वायु प्रदुषण के दुष्परिणामों को भुगत रहे नागरिकों की हिफाजत के लिए आतिशबाजी पर रोक लगाकर हरित पटाखे छोडने का फरमान जारी किया गया था, ताकि वायु गुणवत्ता के प्रति घोर निराशा के मंजर पर रोक लगाई जा सके।
लेकिन जिला व आसपास के क्षेत्रवासियों ने आदेशों को धत्ता बताते हुए दीपावली पर लगे पटाखों के प्रतिबंध का खुलकर उल्लंघन किया जा रहाह है। वहीं, जिला पुलिस कप्तान विजय प्रताप ने कहा है कि प्रशासन ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर संयुक्त व लड़ी पटाखों सहित अन्य सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने व उपयोग करने पर प्रतिबंध लगाया है । इसके अलावा आतिशबाजी में बेरियम लवण पर भी प्रतिबंध रहेगा, क्योंकि इससे भारी वायु व ध्वनि प्रदूषण और ठोस अपशिष्ट की समस्या होती है ।
इन आदेशों के तहत दिवाली व गुरुपर्व सहित अन्य त्योहार पर ग्रीन पटाखों की आतिशबाजी रात 8 बजे से रात 10 बजे तक की अवधि के लिए ही की जा सकेगी । क्रिसमस की संध्या व नए साल की पूर्व संध्या पर ऐसी आतिशबाजी आधी रात के आसपास यानी रात 11.55 बजे से रात 12.30 बजे तक ही कर सकते हैं । इसके अलावा, फ्लिपकार्ट, अमेजन सहित अन्य ई-कॉमर्स वेबसाइट पटाखों की बिक्री के लिए जिले में कोई भी ऑनलाइन ऑर्डर स्वीकार नहीं करेंगी और न ही ऑनलाइन बिक्री करेंगी । आदेशों का पालन न करने या उल्लंघन करने पर नियमानुसार दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी ।
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