प्रवीण वालिया, करनाल:
पिंगली स्थित डेयरी शिफ्टिंग स्थल पर डेयरी निर्माण में इसके संचालकों का काम आसान करने के लिए नगर निगम कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। सड़कें, बिजली व पानी जैसी जरूरतें पूरी करने के बाद अब स्थल पर निगम की ओर से अलॉट किए गए और गैर-अलॉट सभी प्लाटों की निशानदेही की गई है। प्रत्येक प्लॉट की बाउण्डरी पर सी.सी. निर्मित पक्के पिल्लर और उन पर प्लॉट नम्बर लगाए जा रहे हैं, अधिकांश पिल्लर लगाए भी जा चुके हैं। इस तरह से अब डेयरी संचालकों के पास डेयरी शिफ्ट न करने का कोई बहाना नहीं रह जाता, वे बिजली का कनैक्शन लेकर डेयरी निर्माण कार्य शुरू कर सकते हैं। यही नहीं पाईप लाईन से पानी के कनैक्शन सभी प्लाटों तक पहुंचा दिए गए हैं। नगर निगम आयुक्त डॉ. मनोज कुमार ने शुक्रवार को इस सम्बंध में बताया कि डेयरियां शिफ्ट करने के लिए डेयरी संचालकों की कुछ जरूरतें थी, जो पूर कर दी गई हैं। इनमें सभी प्लाटों की पैमाईश व पिल्लर लगाना, पेयजल व रास्तों का निर्माण किया गया है। जो प्लाट धारक अपने प्लाट पर निर्माण शुरू करेगा, उसकी 3 फुट तक मिट्टी की भरपाई निगम करवाकर देगा। इन सब सुविधाओं के बावजूद निगमायुक्त का कहना है कि जो डेयरी संचालक अब भी डेयरी शिफ्टिंग में कोई रूचि नहीं दिखाएगा, उसके पशुओं को अपने कब्जे में लेकर डेयरी को सील करने जैसी कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि निगम द्वारा यह कार्रवाई पहले भी की गई थी और पशुओं को कब्जे में लेकर प्रत्येक पशु को छुड़वाने के लिए 5 हजार रुपए का जुमार्ना तय किया गया था, अब जुमार्ने की नई राशि क्या होगी, इस पर विचार किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि डेयरियों को सील करने के लिए निगम, अधिकारियों की कमेटी गठित करने जा रहा है, जो पशुओं को कब्जे में लेने से लेकर जुमार्ना लगाने तक की कार्रवाई अमल में लाएगी। इसके लिए 18 अक्तूबर 2021 की डेडलाईन तय की गई है, अर्थात करीब 10 दिन का समय डेयरी संचालकों को दिया गया है। डेडलाईन बीत जाने के बाद निगम अपने स्तर पर कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र होगा। गठित कमेटी में निगम के अधिकारी व कर्मचारी और पुलिस जवानो की पर्याप्त संख्या रहेगी।
डेयरी शिफ्टिंग स्थल पर हैं 232 प्लॉट- निगमायुक्त ने बताया कि डेयरी शिफ्टिंग स्थल शहर से बाहर एक उपयुक्त जगह पर बनाया गया है, जो शहर से ज्यादा दूरी पर नहीं है। इस जगह तक पक्की सड़क पहले से ही मौजूद है, जिससे लोगों को आने-जाने में कोई दिक्कत नही आएगी। डेयरियों से निकलने वाले मल-मूत्र का यहां अच्छे से निस्तारण किया जा सकता है। उन्होंने भविष्य की संभावनाओं का जिक्र करते कहा कि जैसे ही डेयरियां यहां शिफ्ट होंगी, डेयरी आधारित कोई उद्योग-धंधे भी स्थापित हो सकते हैं। इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। यही नहीं जो डेयरियां वर्तमान में शहर की घनी आबादी में हैं और कम पर्याप्त स्थल पर चलाई जा रहीं हैं, उन्हें प्लाटों में सभी सुविधाएं मौजूद पाने में मदद मिलेगी। जहां तक सुरक्षा की बात है, डेयरी एसोसिएशन वहां अपना कोई व्यक्ति रात्रि गश्त पर भी रख सकता है, वैसे यह जगह पूरी तरह से सुरक्षित है।
शहर में डेयरियों से सीवर जाम की समस्या, नालियों में रहती है गंदगी, नागरिकों की रहती हैं शिकायतें- उन्होंने कहा कि शहर में डेयरियों की समस्या किसी से छिपी हुई नहीं है। डेयरियों से निकलने वाले मल-मूत्र से अकसर सीवर व नाले चौक हो जाते हैं, नालियों में भी गंदगी पसर जाती है, इससे साफ-सफाई बाधित होती है। इसे देखते नागरिक आए दिन नगर निगम में शिकायतें लेकर आते हैं। इस समस्या का एकमात्र समाधान डेयरियों को शहर से बाहर करना है
निगमायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने सभी डेयरी संचालकों से पुन: अपील कर कहा है कि पिंगली स्थित डेयरी शिफ्टिंग कॉम्पलैक्स पर डेयरियों को ले जाने में अब माहौल पूरी तरह से तैयार है। नगर निगम भविष्य में भी डेयरी संचालकों की सभी जायज जरूरतें पूरे करने को तत्पर रहेगा। डेयरी निर्माण के लिए यदि कोई संचालक बैंको से ऋण लेना चाहेगा, तो निगम जिला अग्रणी प्रबंधक से इसकी सिफारिश कर ऋण मुहैया करवाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि करनाल अब एक स्मार्ट सिटी है, इसका स्वरूप बनाए रखने के लिए शहर में मौजूद सभी डेयरियों को बाहर शिफ्ट होने की अति आवश्यकता बन गई है।
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