Jammu-Kashmir reconstitution bill passes in Rajya Sabha: ऐतिहासिक दिन – जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन बिल राज्य सभा में पास

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नई दिल्ली। अमित शाह ने राज्य सभा में अनुच्छेद 370 को खत्म करने का संकल्प पेश किया है। जिसके तहत धारा 370 का खात्मा किया जाएगा। जिसके बाद से राज्यसभा में विपक्षी दल काफी हंगामा कर रहे हैं। शाह ने कहा कि जिस दिन राष्ट्रपति इस विधेयक पर हस्ताक्षर करेंगे उस दिन से धारा 370 के सभी खंड जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होगें। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के जम्मू कश्मीर को लेकर राज्यसभा में दिए गए बयान के बाद सदन में विपक्ष का भारी हंगामा दिखा। वहीं गुलाम नबी आजाद ने संसद में कहा, ‘पूरी घाटी में इस समय कर्फ्यू है। राजनेता जिसमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हैं वह इस समय घर में नजरबंद हैं। राज्य में युद्ध जैसी स्थिति है। इसलिए इस पर प्राथमिकता से चर्चा होनी चाहिए।’

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बीएसपी ने इस फैसले का समर्थन किया है। एआईएडीएमके ने भी केंद्र सरकार को समर्थन किया है। हालांकि जेडीयू जो सरकार की समर्थन कर रही है उसने इस बिल पर समर्थन नहीं करने का दावा किया।

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जम्मू-कश्मीर के लिए लाखों लोगों ने कुर्बानियां दी है। आतंकवाद का मुकाबला वहां की जनता और मेन स्ट्रीम ने भी मिलकर किया। गुलाम नवी आजाद ने कहा वोट बैंक के लिए मोदी सरकार ने कहा कि एक झटके में धारा 370 हटाने का काम किया है।

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‘आप’ ने किया धारा 370 हटाने का समर्थन
भाजपा के धुर विरोधी माने जाने वाली पार्टी ‘आम आदमी पार्टी’ के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र की मोदी सरकार का समर्थन धारा 370 हटाने के लिए किया। अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि हम जम्मू-कश्मीर पर सरकार के फैसले को समथ्रन करते हैं। हमें उम्मीद है कि इससे राज्य में शांति और विकास आएगा।

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उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा…
इस मुद्दे पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार ने धारा 370 हटाने का विनाशकारी फैसले का छल और छद्म तरीके से जमीन तैयारी की गई।

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राज्यसभा में गुलाम नवी आजाद ने कहा पिछले एक सप्ताह से एडवायजरी जारी की जा रही थी। लगातार कयास लगाए जा रहे थे कि जम्मू-कश्मीर को बांटा जाएगा, धारा 370 हटाई जाएगी आदि। मैं रात दो बजे तक जागता रहा। लगातार मेरे फोन की घंटियां बजती रहीं। पूरी दुनिया में बुद्धिमान से बुद्धिमान व्यक्ति यह सोच नहीं सकता था कि एक साथ एटम बम की तरह गृहमंत्री राज्यसभा में आकर धारा 370 हटाने का बिल पढ़ेंगे। यह कश्मीर की जनता के साथ धोखा है।

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नया भारत बनाने के लिए पुराना तोड़ दोगे क्या? गुलाम नवी आजद
भाजपा ने संविधान की हत्या की है। जिस विश्वास के साथ हम इस देश के साथ आए थे। हमारे इतिहास को खत्म नहीं करेंगे। हमारे कल्चर को खत्म नहीं करेंगे। हमें सुरक्षा देंगे। दिल नहीं मिलेंगे तो आप कुछ नहीं कर सकते हैं। दिल मिल गए तो कानून की आवश्यकता नहीं होती। पांडिचेरी का चीफ मिनिस्टर रोज आता है बेचारा एक लेफिटिनेंट जनरल उसको काम करने नहीं देता। जम्मू-कश्मीर अपनी अलग पहचान दुनिया में रखता है। पावर के नशे में आप कुछ भी मत करिए। जम्मू-कश्मीर के सबसे शांत रीजन लद्दाख को भी अशांत कर दिया है। हम तो नया भारत बनाने वाले थे तो क्या पुराने भारत को तोड़फोड़ दोगे।एक राज्य का इतिहास मिटा दिया गया।

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गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में सवालों के जवाब देते हुए कहा यह धारा जम्मू-कश्मीर के हित में नहीं है। किसकी पॉलिसी से 41 हजार लोग जम्मू-कश्मीर में मारे गए। बाकी सीमावर्ती राज्यों के युवा गुमराह क्यों नहीं होते? पाकिस्तान तो पूरे देश में आतंकवाद फैलाना चाहता है। जम्मू-कश्मीर में उकसानेवाले नेताओं के बेटे लंदन में पढ़ते हैं। धारा 370 की वकालत करने वालों के बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं। आतंकवाद से मुक्ति के लिए धारा 370 हटानी जरूरी है। हम जम्मू-कश्मीर का विकास करना चाहते हैं। धारा 370 हटने से जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग है। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. नेहरु ने कहा था कि धारा 370 घिसते-घिसते घिस जाएगी। इन 70 सालों में धारा घिसी नहीं। कश्मीर मामले को सरदार पटेल नहीं देख रहे थे। पं नेहरू देख रहे थे। धारा 370 से भारत के जुड़ाव का कोई मतलब नहीं। सारे राज्यों ने अपनी संस्कृति बचा कर रखी है। धारा 370 केवल तीन परिवारों को सुरक्षा देती है। धारा 370 जम्मू-कश्मीर के हित में नहीं। धारा 370 के जाने का समय आ गया है। लोहिया ने कहा था कि धारा 370 के रहते भारत-कश्मीर का एकीकरण नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमें पांच साल के लिए कश्मीर दीजिए, विकसित बना देंगे। हम जम्मू-कश्मीर को सबसे विकसित राज्य बनाएंगे।

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राज्य सभा में वोटिंग की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वोटिंग मशीन के द्वारा नहीं हो पाई। वोटिंग मशीन टेक्निकल समस्या के कारण  काम नहीं कर रही है तो सभी सदस्यों को वोटिंग के लिए पर्चियां बांटी जा रही है।

जम्मू-कश्मीर से धारा 370 समाप्त, तिरंगे का संविधान लागू

जम्मू-कश्मीर पुर्नगठन बिल पर राज्य सभा में वोटिंग की गई जिसमें इस बिल को पास किया गया। इस विधेयक के पक्ष में 125 वोट पड़े। जबकि विपक्ष में 61 वोट पड़े। इस प्रकार बिल को पास कर दिया गया।