एआई मेटा ने तैयार किया ब्रेन-टाइपिंग तकनीक का कॉन्सेप्ट
(आज समाज) नई दिल्ली: जो आप सोचते है वह टेक्स्ट अपने आप स्क्रीन पर टाइप हो जाए तो आपको बहुत हैरानी होगी। यह किसी मैजिक से कम नहीं होगा। लेकिन ऐसा भविष्य में होने वाला है। फेसबुक (एआई मेटा) ने 2017 में इस अनोखी ब्रेन-टाइपिंग तकनीक का कॉन्सेप्ट पेश किया था।

इस टेक्नोलॉजी का मकसद है कि इंसान सिर्फ अपने दिमाग से शब्दों को टाइप कर सके, बिना किसी की बोर्ड या स्क्रीन के। फिलहाल यह तकनीक रिसर्च स्टेज में है, लेकिन भविष्य में यह इंसानों के कम्युनिकेशन का तरीका पूरी तरह बदल सकती है।

न्यूरोसाइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संयोजन से काम करती है तकनीक

मेटा की यह तकनीक न्यूरोसाइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के संयोजन से काम करती है। यह ब्रेन की गतिविधियों का विश्लेषण करके अनुमान लगाती है कि व्यक्ति कौन-सा अक्षर टाइप करना चाहता है। इसके लिए एक खास मशीन का उपयोग किया जाता है, जो ब्रेन से निकलने वाले मैग्नेटिक संकेतों को पकड़कर उन्हें टेक्स्ट में बदलती है।

मशीन का आम लोगों के लिए उपयोग संभव नहीं

इस तकनीक में मैग्नेटोएन्सेफलोग्राफी मशीन का इस्तेमाल किया जाता है, जो मस्तिष्क की बेहद सूक्ष्म गतिविधियों को रिकॉर्ड करने में सक्षम है। हालांकि, यह मशीन बहुत बड़ी और महंगी होती है, जिससे इसका आम लोगों के लिए उपयोग अभी संभव नहीं है।

रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करने में लगेगा अभी लंबा समय, 16 करोड़ रुपए बताई जा रही मशीन की कीमत

भले ही यह तकनीक विज्ञान की दुनिया में एक क्रांतिकारी कदम है, लेकिन इसे रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल करने के लिए अभी लंबा समय लग सकता है। एमईजी मशीन का वजन करीब 500 किलोग्राम है और इसकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपये बताई जाती है। इसके अलावा, इस मशीन के सही ढंग से काम करने के लिए व्यक्ति को पूरी तरह स्थिर बैठना पड़ता है, क्योंकि हल्की सी भी हरकत डेटा को गड़बड़ कर सकती है।

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