गाजियाबाद। कोरोना संक्रमित गंभीर मरीजों (लेबल-3) को अब दिल्ली या मेरठ रेफर नहीं किया जाएगा। अब उनका उपचारगाजियाबाद में ही किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. एनके गुप्ता ने बताया ऐसे मरीजों के लिए संतोष अस्पताल में कोविड-19 एल-3 हॉस्पीटल तैयार कर लिया गया है। शुक्रवार से गाजियाबाद का पहला एल-3 अस्पताल काम करना शुरू कर देगा। अब तक गंभीर मरीजों को मेरठ या फिर दिल्ली रेफर करना पड़ता था।
सीएमओ डा. गुप्ता ने बताया कोरोना संक्रमण के ऐसे मरीज, जिन्हें वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है, उन्हें लेबल-3 का मरीज कहा जाता है। इस श्रेणी में अधिकतर ऐसे मरीज होते हैं जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होते हैं। जैसे मधुमेह, किडनी या फिर कैंसर से। ऐसे मरीजों के संक्रमित होने पर बहुत जल्दी ही स्थिति गंभीर हो जाती है। इस तरह के मरीजों को अतिरिक्त देखरेख के अलावा लाइफ सपोर्ट सिस्टम की भी जरूरत होती है। ऐसे मरीजों का उपचार गाजियाबाद में ही करने के लिए संतोष अस्पताल को पहला एल-3 हॉस्पीटल बनाया गया है।
सीएमओ ने बताया शुक्रवार से इस अस्पताल में भी गंभीर श्रेणी के संक्रमित मरीजों का उपचार शुरू किया जा सकेगा। अब तक ऐसे मरीजों को मेरठ या फिर दिल्ली रेफर करना पड़ता थाआधा दर्जन से अधिक मरीज अब भी मेरठ और दिल्ली में उपचार ले रहे हैंआगे से गंभीर मरीजों को दिल्ली या मेरठ रेफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगीसीएमओ ने बताया एल-3 हॉस्पीटल 400 बेड वाला होगाजिला प्रशासन पहले ही संतोष अस्पताल को अधिग्रहीत करके स्वास्थ्य विभाग के हवाले कर चुका हैअब तक इस अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग आईसोलेशन वार्ड का संचालन कर रहा था।