नई दिल्ली। कर्नाटक सरकार बचेगी या जाएगी इस पर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है। सरकार पर लगातार संकट बरकरार है। इस राजनीतिक संकट से अपनी पार्टी को निकालने के लिए कांग्रेस पूरा जोर लगा रही है। अब सोनिया गांधी भी इस संकट में कांग्रेस को उबारने की कोशिश मे लग गर्इं है। इसका हल के लिए अब कांग्रेस और जेडीएस के बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। विधायकों ने स्पीकर पर संवैधानिक कर्तव्य को छोड़ने और जानबूझकर इस्तीफे की स्वीकृति में देरी करने का अरोप लगाया है। स्पीकर के आर रमेश ने मंगलवार को कहा था कि उन्हें इस बात के लिए यकीन करना होगा कि उन्होंने जो इस्तीफे दिए हैं वह ‘स्वैच्छिक’ और ‘वास्तविक’ हैं। स्पीकर के. आर. रमेश ने कहा कि आठ विधायकों की तरफ से दिया गया इस्तीफा तय फॉर्मेट में नहीं था इसलिए उन्हें दोबारा इस्तीफा देना होगा। रमेश कुमार ने संवाददाताओं से मंगलवार को कहा कि ‘अगर वे सभी अपने रूख पर बने रहते हैं तो निर्धारित नियम के अनुसार अपना इस्तीफा देना होगा।’ विधानसभा स्पीकर ने बताया कि जिन पांच विधायकों ने सही फॉर्मेट में अपना इस्तीफा दिया है, उनमें पूर्व गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी, गोपालैयाह, आनंद सिंह, नारायण गौड़ा और प्रताप गौड़ा पाटिल शामिल हैं। वहीं, मुंबई के जिस आलीशान होटल में कर्नाटक के बागी विधायक ठहरे हुए हैं उसके बाहर बुधवार को काफी राजनीतिक नाटकबाजी देखने को मिली जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कर्नाटक के जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार को होटल में प्रवेश करने से रोक दिया गया। जद(एस) के वरिष्ठ विधायकों के साथ पहुंचे शिवकुमार ने यहां पत्रकारों को बताया कि उन्होंने होटल में कमरा बुक कराया था लेकिन उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया। मंगलवार मध्यरात्रि को पवई के एक लग्जरी होटल में ठहरे हुए 12 में से 10 विधायकों ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा बताया और कहा कि शिवकुमार को होटल में नही आने दिया जाए।