राजधानी का तापमान 28 डिग्री पार, फरवरी अंत तक 35 डिग्री को छू सकता है पारा
Delhi Pollution Update (आज समाज), नई दिल्ली : राजधानी के लोग आजकल मौसम की दोहरी मार से जूझ रहे हैं। एक तरफ तो पिछले कई माह से दिल्ली की हवा में जहरीले तत्वों की भरमार है जिसके चलते लोग दमघोंटू हवा में सांस लेने को मजबूर हैं वहीं अब गर्मी दिन प्रतिदिन लोगों की परेशानी बढ़ा रही है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में ही लोगों के पसीने छूटने लगे हैं। तापमान में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है।
जिससे मौसम विशेषज्ञ चिंतित हैं। उनका कहना है कि इस बार दिल्ली सहित तमाम राज्यों के लोगों को गर्मी के लंबे सीजन के लिए तैयार रहना पड़ेगा। सोमवार का दिन साल का सबसे गर्म दिन रहा। अधिकतम तापमान सामान्य से 4.6 डिग्री सेल्सियस अधिक 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के मुताबिक पीतमपुरा में सबसे अधिक तापमान रहा। यहां अधिकतम तापमान 29.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, रिज, लोधी रोड व पालम में अधिकतम तापमान 28 डिग्री रहा। लोगों ने चिलचिलाती धूप में गर्मी का अहसास किया।
हवा भी बेहद खराब स्थिति में मौजूद
राजधानी में हवा की दिशा बदलने व गति कम होने से लोगों को मंगलवार से बेहद खराब हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूवार्नुमान है कि अगले दो दिनों तक यह स्थिति रहेगी। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 271 दर्ज किया। सीपीसीबी के अनुसार आनंद विहार, विवेक विहार और सिरी फोर्ट सहित 16 इलाकों में हवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई। जबकि नरेला, आया नगर समेत 14 इलाकों में हवा बेहद खराब श्रेणी में रही। वहीं, डीटीयू, बवाना, आईजीआई एयरपोर्ट सहित कई इलाकों में एक्यूआई खराब श्रेणी में रहा। एनसीआर में फरीदाबाद का एक्यूआई सबसे कम 164 रहा। साथ ही, गाजियाबाद में 172, नोएडा में 192, ग्रेटर नोएडा में 204 और गुरुग्राम में 230 एक्यूआई रहा। सोमवार को हवाएं उत्तर-पश्चिम दिशा से 12 किलोमीटर प्रतिघंटे की गति से चलीं।
अक्टूबर से गैस चैंबर में तब्दील है दिल्ली
आपको बता दें कि पिछले करीब पांच माह से राष्टÑीय राजधानी में हवा की स्थिति बेहतर खराब है। अक्टूबर के शुरू से ही दिल्ली की हवाओं में प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। इसके पीछे पड़ोसी राज्यों द्वारा धान के अवशेषों में आग लगाना बताया गया था। इसके बाद से दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर कभी भी कम नहीं हुआ। जिसके चलते लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। दिल्ली की हवा में प्रदूषण के पीछे अब कोई बाहरी कारक नहीं बल्कि दिल्ली के लोग ही जिम्मेदार हैं।
ये भी पढ़ें : Punjab News : श्रम विभाग की सभी सेवाएं मिलेंगी ऑनलाइन : सौंद