सरकारी खजाने को पहुंचने वाले नुकसान को रोकने के लिए सरकार ने उठाया कदम
Punjab Breaking News (आज समाज), चंडीगढ़ : पंजाब सरकार राज्य में पेंशनरों को लेकर सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। सरकारा के इस कदम से सरकारी पैसे का दुरुपयोग रूकेगा और सरकार के पास सटीक जानकारी भी रहेगी। दरअसल सरकार द्वारा बुजुर्गो को पेंशन दी जाती है। लेकिन कई मामलों में देखा गया है कि पेंशन पाने वाले बुजुर्ग की मौत होने के बाद भी उसकी पेंशन खाते में जाती रहती है।
जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा और सरकार ने इसको रोकने केलिए कदम उठा लिया है। जिसके चलते एम सेवा ऐप लांच किया जा रहा है। इससे मृतक बुजुर्ग पेंशनरों के खाते में जाने वाली पेंशन खत्म हो जाएगी। हर पेंशन की जांच उनके घर जाकर की जाएगी। इतना ही नहीं पेंशनरों की लाइव फोटो भी खींची जाएगी, जिसे इस ऐप में अपलोड किया जाएगा। अगर जांच में पेंशनर मृत पाया जाता है तो उसका नाम तत्काल हटा दिया जाएगा।
सर्वे आंगनवाड़ी वर्कर और सुपरवाइजर करेंगे
यह प्रक्रिया एक सर्वे में की जाएगी। प्रत्येक गांव में सर्वे आंगनवाड़ी वर्कर और सुपरवाइजर करेंगे। उनके मोबाइल पर ऐप एम सर्विस इंस्टाल कर दी गई है। सूत्रों के मुताबिक यह सर्वे नए साल से शुरू हो गया है। सर्वे सबसे पहले राज्य के 12 हजार 581 गांवों का होगा।इसके बाद विभाग शहरों में सर्वे के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की मदद लेगा। पंजाब सरकार ने यह फैसला मृतक पेंशनरों की जानकारी दफ्तरों तक ना पहुंचाने के कारण उनके खाते में जा रही पेंशन को रोकने के लिए लिया है।
मृत पेंशनधारियों के खाते में पेंशन भेजी जा रही थी
दरअसल, लंबे समय से मृत पेंशनधारियों के खाते में पेंशन भेजी जा रही थी। बाद में विभाग को इस पेंशन की वसूली के लिए काफी समय तक इंतजार करना पड़ता है। आंकड़ों के मुताबिक 2022-2024 से 2024-25 (नवंबर तक) 1 लाख 39 हजार 836 की मौत हुई और आयोग पेंशनर्स के खाते में 138.78 करोड़ रुपए की राशि भेजी गई थी। अधिकांश मृत पेंशनर वो थे जिनके परिवारों ने उनकी मृत्यु की सूचना सरकार को नहीं दी। इसके चलते सरकार को पेंशन के रूप में उनके खातों में गई करोड़ों रुपए की रकम वसूलने के लिए एक बड़ी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसमें काफी समय लग जाता है।
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