BSNL 4G internet,पाली:अगर आप बीएसएनएल यूजर्स हैं तो आपके लिए यह गुड न्यूज है कि अब आपको बीएसएनएल पर और अधिक हाई स्पीड इंटरनेट सेवा उपलब्ध हो सकेगी. भारत संचार निगम लिमिटेड से जुड़े कस्टमर्स को अगस्त से हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सर्विस मिलनी शुरू हो जाएगी. फिलहाल बीएसएनएल ने जोधपुर के 12 मोबाइल टावर पर 4जी सर्विस को ट्रायल बेस पर शुरू किया है.
अगस्त तक जिले के शेष 300 मोबाइल टावर भी 4जी इंटरनेट सर्विस से जुड़ जाएंगे. फिलहाल जिन मोबाइल टावर पर 4जी इंटरनेट के उपकरणों को एक्टिव किया है, उसके आसपास के लोगों को तीव्र मोबाइल इंटरनेट स्पीड मिल रही है. जोधपुर के साथ-साथ बाड़मेर और पाली में भी हाई स्पीड इंटरनेट सर्विस की ट्रायल चल रही है.
बीएसएनएल ने अपने नेटवर्क को अपडेट करने के अलावा इसे गांव जहा आजादी के बाद अभी तक किसी भी कंपनी का नेटवर्क नहीं पहुंच पाया है वह पर उन गांवों को मोबाइल नेटवर्क से जोड़ने का काम कर रहे है ताकि वह भी मोबाइल जेसी तकनीक से जुड़ सके
पाली सहित इन जिलो में चल रहा ट्रायल
बीएसएनएल ने अपने नेटवर्क बीएसएनएल के महाप्रबंधक एन राम बिश्नोई ने बताया कि जोधपुर के 12 मोबाइल टावर में 4जी मोबाइल इंटरनेट सर्विस का ट्रायल किया जा रहा है. अगस्त में जिले के काफी मोबाइल टावर भी हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सर्विस से कनेक्ट हो जाएंगे.
विश्नोई ने बताया कि जिन मोबाइल टावर पर 4जी स्पीड के उपकरण लगाए गए हैं, उनमें दस मोबाइल टावर अकेले जोधपुर में है. उन्होंने बताया कि शहर में जलजोग सर्किल, प्रताप नगर, आखलिया सर्किल,चौपासनी 17/18 सेक्टर, बीएसएनएल कॉलोनी, मोती चौक, मानक चौक, बत्ती बाड़मेर के 6 तथा पाली के 10 टावर हाई स्पीड इंटरनेट से जुड़ेंगे. बाड़मेर सहित पाली के छह तथा जैसलमेर के दो मोबाइल टावर पर भी 4जी हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट का ट्रायल चल रहा है. जोधपुर सहित बाड़मेर और पाली में इंटरनेट ट्रायल के अच्छे परिणाम हैं.
ऐसी ढाणियों को किया कवर आज तक नही था कोई नेटवर्क
उन्होंने बताया कि आगामी समय में 4जी उपकरण ही 5जी में कन्वर्ट हो जाएंगे. इससे पहले 58 गांव ढाणियों में लगे थे टावर बीएसएनएल के महाप्रबंधक ने बताया कि 4जी हाई स्पीड मोबाइल इंटरनेट सर्विस से पहले बीकानेर जिले की 58 गांव-ढाणियों में पहली बार बीएसएनएल ने मोबाइल टावर लगाए थे. इससे पहले संबंधित गांव-ढाणियों में एक भी मोबाइल कंपनी के टावर नहीं थे.
उन्होने बताया कि 4जी मोबाइल टावर की खास बात यह है कि यह मेड इन इंडिया बेस पर बने हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संबंध में साफ निर्देश दिए थे, कि मोबाइल टावर और उपकरण अब देश में ही निर्मित होंगे. इसके बाद स्वदेशी टेक्नोलॉजी को आईटी कंपनी टाटा कन्सल्टेंसी सर्विसेज और टेलीकॉम रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन सी-डॉट की पार्टनरशिप वाले कंसोर्टियम ने मिलकर उपकरणों को तैयार किया है.