Aaj SAmaj (आज समाज), Northeast Weather Report, नई दिल्ली: देश के उत्तर-पूर्व, पूर्वी भारत, पश्चिमी हिमालयी और उत्तर-पश्चिम क्षेत्र के कई मैदानी इलाकों में इन दिनों जहां बारिश हो रही है या बारिश का अनुमान है, वहीं नार्थ-ईस्ट यानी पूर्वोत्तर भारत में गर्मी ने पिछले कई सालों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा भी गर्मी से बेहाल हैं और आने वाले समय में फिलहाल इन राज्यों में हीट वेव यानी लू से राहत मिलने के आसार नहीं हैं।
- ओडिशा, बंगाल व बिहार भी गर्मी से बेहाल
अगरतला में पारा 15 से 19 अप्रैल के बीच 38 से 39.3 डिग्री
मौसम विभाग के अनुसार पूर्वोत्तर राज्य, त्रिपुरा मेघालय, मणिपुर आदि राज्यों में अप्रैल से मई के बीच बारिश होती थी लेकिन इसके बजाय इस बार वहां भीषण गर्मी पड़ रही हैं त्रिपुरा की राजधानी अगरतला में 15 से 19 अप्रैल के बीच 38 से 39.3 डिग्री सेल्सियस के बीच अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। बता दें कि अगरतला में 30 अप्रैल, 1960 को 41.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड है। अगरतला में अप्रैल में औसत दैनिक तापमान 33.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज होना चाहिए, जबकि इससे अधिक दर्ज हुआ है। वहीं मेघालय की राजधानी शिलांग में अधिकतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से 29.1 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया।
इंफाल में अधिकतम तापमान 32.8 से 38 डिग्री
गौरतलब है कि शिलांग के लिए रिकॉर्ड 30.2 डिग्री सेल्सियस है, जो पांच अप्रैल, 1973 को दर्ज किया गया था। वहीं, अप्रैल में शिलांग के लिए औसत दैनिक तापमान केवल 23.4 डिग्री सेल्सियस है। मणिपुर की राजधानी इंफाल में अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री सेल्सियस से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। इंफाल में उच्चतम तापमान 9 अप्रैल, 1999 को 36.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इंफाल का दैनिक अधिकतम औसत तापमान केवल 29 डिग्री सेल्सियस है।
कोलकाता का अधिकतम तापमान 40 से 41.6 डिग्री
आईएमडी अधिकारियों के अनुसार, 15 अप्रैल से 19 अप्रैल के बीच पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से 41.6 डिग्री सेल्सियस के बीच था। कोलकाता का अप्रैल का उच्चतम तापमान 25 अप्रैल, 1954 को 42.8 डिग्री सेल्सियस था। वहीं, बिहार में अधिकतम तापमान ने लोगों को अपना भीषण रूप दिखाया है। राजधानी पटना में 15 से 19 अप्रैल के बीच 41.6 डिग्री सेल्सियस से 44.1 डिग्री सेल्सियस के बीच अधिकतम तापमान दर्ज किया गया। बता दें कि पटना में 29 अप्रैल, 1980 को उच्चतम तापमान 44.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
बता दें कि एक मार्च से शुरू होने वाले प्री-मॉनसून सीजन में नागालैंड, मणिपुर, मेघालय और त्रिपुरा में 34 प्रतिशत बारिश की कमी आई है। वहीं, अरुणाचल प्रदेश में 52 प्रतिशत, असम और मेघालय में 16 प्रतिशत वर्षा की कमी है। आईएमडी के अनुसार, गंगीय बंगाल में पिछले नौ दिनों से, तटीय आंध्र प्रदेश में सात दिनों से, बिहार में छह दिनों से और ओडिशा में चार दिनों से हीट वेव की स्थिति बनी हुई है।
नार्थ-ईस्ट में पारा अधिक पर हीटवेव की स्थिति नहीं : आईएमडी
मौसम विभाग के अनुसार पूर्वोत्तर में पड़ रही भीषण गर्मी के बावजूद इन राज्यों में हीटवेव की स्थिति नहीं है। आईएमडी के महानिदेशक एम महापात्र का कहना है कि पूर्वोत्तर भारत में हीटवेव की स्थिति नहीं है, लेकिन अधिकतम तापमान बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि आम तौर पर, पूर्वोत्तर भारत में इस महीने के दौरान अक्सर गरज के साथ बारिश होती है, इसलिए तापमान में वृद्धि नहीं होती है, लेकिन इस बार आंधी की गतिविधि कम है और जमीन पूरी तरह सूख गई है, जिससे तापमान में तेजी से वृद्धि हो रही है।
एमपी-यूपी सहित कई राज्यों में बारिश का अलर्ट
पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में बारिश का अलर्ट है। मौसम विभाग ने बताया है कि पूर्वी भारत से शनिवार के बाद लू खत्म हो जाएगी, जबकि उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों में अगले दो दिन तक भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। मध्य भारत में पांच दिन तक कोई बड़ा बदलाव आने की संभावना नहीं है। उत्तराखंड में ओले गिर सकते हैं। वहीं पूर्वी-पश्चिमी भारत में तीन दिन तक हल्की से मध्यम वर्षा और आंधी-तूफान का अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़ में पांच दिन तक हल्की बारिश होने वाली है।
यह भी पढ़ें : Political Analysts On INLD Padyatra: इनेलो के लिए पदयात्रा के जरिये आसान डगर नहीं खोई विरासत फिर हासिल करना
यह भी पढ़ें : Abhay Chautala ने कार्यकर्ताओं को दिया नया मंत्र, राम राम के साथ कहो परिवर्तन करो, परिवर्तन करो
Connect With Us: Twitter Facebook