North India Weather Update: उत्तर भारत में धूप से राहत पर खतरा बरकरार, हिमाचल और उत्तराखंड में रेड अलर्ट

0
277
North India Weather Update
मंडी में भारी बारिश के कारण ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से पंचवक्त्र मंदिर के पास क्षतिग्रस्त एक पुल।

Aaj Samaj (आज समाज), North India Weather Update, नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली और हरियाणा-पंजाब सहित लगभग पूरे उत्तर भारत में मंगलवार को धूप खिलने से बाढ़ग्रस्त इलाकों में लोगों को राहत मिली लेकिन खतरा अभी कम नहीं हुआ है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में रेड अलर्ट जारी किया है। तीन दिन लगातार हुई मूसलाधार बारिश और भूस्खलन व अन्य हादसों के कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त है। हरियाणा के हथिनी कुंड से लगातार पानी छोड़े जाने से यमुना का जल स्तर 206 मीटर को पार कर गया। राजधानी में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। लोहे के पुल से ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। मौसम विभाग का यह भी कहना है कि दिल्ली, पंजाब और हरियाण में आज, कल और शुक्रवार को मौसम लगभग सामान्य रहेगा।

  • दिल्ली में यमुना का पानी खतरे के निशान से पार
  • देहरादून में बारिश ने तोड़ा 56 साल का रिकॉर्ड
  • शिमला, सिरमौर, किन्नौर में भारी बारिश का अलर्ट

उत्तराखंड : एनएच बंद, करीब 4000 लोग फंसे, 8 लोगों की मौत

उत्तराखंड में आज भी भारी बारिश के आसार चलते रेड अलर्ट जारी है। राजधानी देहरादून में बारिश ने 56 वर्षों का रिकार्ड तोड़ दिया है। सोमवार रात से मंगलवार तक 24 घंटे के भीतर 207 मिमी वर्षा हुई। इससे 56 वर्षों का रिकार्ड टूट गया है। इससे पहले 1966 में जुलाई में 24 घंटे में 487 मिमी वर्षा हुई थी। उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग व देहरादून में भूस्खलन व पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण आठ लोगों की मृत्यु हुई है। लैंडस्लाइड के कारण गंगोत्री और यमुनोत्री नेशनल हाईवे कई जगह बंद हैं। कांवड़ियों सहित यहां विभिन्न इलाकों में लगभग 4000 लोग फंसे हुए हैं। राज्य में 100 से अधिक संपर्क मार्ग बंद पड़े हैं।

हरियाणा : कई NH बंद, दिल्ली व आसपास वीकेंड तक तेज बारिश का अनुमान

हरियाणा में कई राजमार्ग बंद किए गए हैं। स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने बताया कि मानसून की अक्षीय रेखा, जो अभी दिल्ली के उत्तर में है, सप्ताह के अंत में वापस दिल्ली के दक्षिण में शिफ्ट हो जाने के आसार हैं। इससे एक बार फिर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में अच्छी बरसात हो सकती है। हरियाणा में भी तीन लोगों की मौत हुई है। जलभराव के कारण अंबाला-लुधियाना राष्ट्रीय राजमार्ग सहित कई प्रमुख राजमार्गों को अस्थायी रूप से यातायात के लिए बंद कर दिया गया है। घग्गर नदी का पानी स्कूल परिसर में घुसने के बाद अंबाला के एक आवासीय विद्यालय की 730 छात्राओं को कुरुक्षेत्र में स्थानांतरित किया गया है।

पंजाब : मौसम साफ रहने से बचाव के कार्यों में आई तेजी, 3 लोग बहे

पंजाब में कई नदियों के उफान पर होने से कई गांवों और कालोनियों में पानी घुस गया है। पिछले कल भारी वर्षा से राहत रही और इससे बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य में तेजी आई। सतलुज, घग्गर, ब्यास व रावी दरिया के उफान पर होने के कारण इनके किनारे बसे नौ जिलों के लोग मंगलवार को भी दहशत में रहे। जालंधर में सतलुज दरिया, लुधियाना में बुड्ढा नाला में तटबंध टूटने से पानी खेतों व आसपास के गांवों में घुस गया। राज्य में अलग-अलग जगह तीन लोग पानी में बह गए। मरने वालों की संख्या 13 हो गई है।

हिमाचल : कुल्लू में आधा सैंज बाजार बहा, बहे 9 लोगों के शव मिले, 3 दिन में 33 मौतें

हिमाचल में भी बीते कल धूप खिलने से थोड़ी राहत मिली। शिमला व किन्नौर जिलों में मंगलवार को दो लोगों की मौत हो गई। कुल्लू में ब्यास नदी के बहाव में 30 घर और 40 दुकानों वाला आधा सैंज बाजार ही बह गया। जिले में बहे नौ लोगों के शव बरामद हुए हैं। तीन दिन में वर्षा व भूस्खलन के कारण 33 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य की राजधानी शिमला, सिरमौर और किन्नौर जिलों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। विभिन्न क्षेत्रों में फंसे करीब 7000 पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को वायुसेना के हेलीकाप्टर से मंडी व कुल्लू में हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने आपदा से निपटने के लिए केंद्र सरकार से मदद मांगी है।

जम्मू-कश्मीर : जम्मू से भी अमरनाथ यात्रा बहाल

जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को रामबन जिले में भूस्खलन और सड़क धंसने से प्रभावित हिस्से में एक वैकल्पिक मार्ग तैयार कर मंगलवार को खोल दिया गया। यह तीन से बंद था। मार्ग खुलने के साथ ही जम्मू से तीन दिन से स्थगित श्री अमरनाथ यात्रा को भी बहाल कर 4,665 श्रद्धालुओं के जत्थे को पहलगाम व बालटाल के लिए रवाना किया। अब तक एक लाख 36 हजार से अधिक शिवभक्त पवित्र गुफा में माथा टेक चुके हैं।

यह भी पढ़ें :  

Connect With Us: Twitter Facebook

 

 

  • TAGS
  • No tags found for this post.