Nomura Report: भारत के रक्षा क्षेत्र को मिल सकते हैं 138 अरब डॉलर के आर्डर

0
85
Nomura Report
भारत के रक्षा क्षेत्र को मिल सकते हैं 138 अरब डॉलर के आर्डर।

Aaj Samaj (आज समाज), Nomura Report, नई दिल्ली: आने वाले 10 वर्षों में भारत के रक्षा क्षेत्र को 138 अरब डॉलर के शानदार आर्डर मिल सकते हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा समूह नोमुरा की ओर से जारी ‘इंडिया डिफेंस’ नाम की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है। इसके मुताबिक रक्षा उपकरणों, प्रौद्योगिकियों व सेवाओं की बढ़ती मांग के बीच भारत के रक्षा क्षेत्र को वित्त वर्ष 2024 से 2032 के दौरान 138 बिलियन अमेरिकी डॉलर का बेहतर आॅर्डर मिल सकता है। यह स्थिति रक्षा उत्पादन और प्रौद्योगिकी विकास में लगी कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण संभावनाएं प्रदान करेगी।

रक्षा पूंजीगत व्यय बढ़ने की ओर अग्रसर

नोमुरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का रक्षा पूंजीगत व्यय वित्त वर्ष 2030 तक कुल बजट का 37 फीसदी तक बढ़ने की ओर अग्रसर है और इस दौरान वित्त वर्ष 2025 में अनुमानित रूप से 29 प्रतिशत की पर्याप्त वृद्धि हो सकती है। यह वित्त वर्ष 24-30 में 15.5 ट्रिलियन रुपए के संचयी पूंजी परिव्यय के बराबर है, जो पिछली अवधि की तुलना में पर्याप्त वृद्धि का संकेत देता है।

स्वदेशी विनिर्माण पर सरकार के ध्यान को श्रेय

रिपोर्ट में इस वृद्धि का श्रेय रक्षा बजट बढ़ाने, आधुनिकीकरण के प्रयासों व ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहल के तहत स्वदेशी विनिर्माण पर सरकार के ध्यान को दिया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय रक्षा क्षेत्र विभिन्न सेक्टर्स में आकर्षक अवसर प्रदान करता है। अकेले रक्षा एयरोस्पेस क्षेत्र की हिस्सेदारी 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर है। इसमें विमान, हेलीकॉप्टर, मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी), एवियोनिक्स और संबंधित प्रणालियों में निवेश शामिल हैं। 38 बिलियन अमेरिकी डालर की क्षमता के साथ रक्षा पोत निर्माण एक अन्य महत्वपूर्ण अवसर वाला क्षेत्र है, जिसमें नौसेना के जहाजों, पनडुब्बियों, गश्ती नौकाओं और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सपोर्ट शिप का निर्माण शामिल है।

स्थानीय कंपनियों से खरीद बढ़ा रही सरकार

नोमुरा ने कहा है कि भारत का डिफेंस सेक्टर सशस्त्र बलों की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए अच्छी स्थिति में है। ब्रोकरेज के अनुसार सरकार स्थानीय कंपनियों से खरीद बढ़ा रही है जिसके चलते डिफेंस सेक्टर को लेकर काफी पॉजिटिव रुझान हैं।

यह भी पढ़ें:

Connect With Us : Twitter Facebook