नई दिल्ली। सीएए के विरोध के चलते पिछले दो महीने से बंद नोएडा-फरीदाबाद का रास्ता शुक्रवार सुबह केवल दस मिनट के लिए ही खुला। इस रास्ते को दस मिनट के अंदर ही बंद कर दिया गया। बता दें कि यह शाहीन बाग के प्रदर्शन के चलते 69 दिन से बंद था। यह रास्ता जैसे ही खुला वैसे ही मीडिया व सोशल मीडिया पर यह खबर तेजी से फैल गई। तब उत्तर प्रदेश ट्रैफिक पुलिस ने 10 मिनट बाद ही ये रास्ता बंद कर दिया गया। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि डीएनडी पर किसी गाड़ी के खराब हो जाने के चलते भारी जाम लग गया था, जिसके चलते कुछ देर के लिए रास्ता खोला गया था। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कालिंदी कुंज से फरीदाबाद और जैतपुर की तरफ जाने वाले रास्ते को खोला था। नोएडा पुलिस ने यहां से बैरिकेडिंग हटा ली थी। यह रोड नोएडा के महामाया फ्लाईओवर से दिल्ली और फरीदाबाद की तरफ जाती है। हालांकि यहां से शाहीन बाग जाने वाला रास्ता अब भी बंद है। इसी रास्ते को खोलने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्लाह को वातार्कार के रूप में नियुक्त किया है। गुरुवार को वातार्कारों ने बंद रास्ता भी देखा था। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने कई रास्ते खुद ही बंद कर रखे हैं। गुरूवार को दोबारा सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार शाहीन बाग पहुंचे। उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के लिए आप दूसरों का रास्ता बंद नहीं कर सकते अपने अधिकार के लिए आप दूसरों को तकलीफ नहीं पहुंचा सकते हैं। दो माह से बंद पड़े रास्ते की वजह से परेशान हो रहे लाखों लोगों के दर्द को समझने की जरूरत है। समझना पड़ेगा कि कोर्ट बंद रास्ते की सुनवाई कर रहा है। वह सीएए-एनआरसी की सुनवाई नहीं कर रहा है।
वातार्कार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि हमें बीच का रास्ता तलाशने के लिए कहा गया है। इसलिए शाहीन बाग प्रदर्शन को इतिहास के पन्नों में दर्ज कराने के लिए अपने धरने को किसी दूसरे स्थान पर ले जाए ताकि यातायात सुचारु हो सके। उन्होंने कहा कि आपको पुलिस का भी शुक्रगुजार होना चाहिए। इस तरह के माहौल के बावजूद दिल्ली पुलिस ने सब्र से काम लिया। इसके बाद दोनों वातार्कारों ने पुलिस सुरक्षा में दो प्रदर्शनकारियों के साथ दो माह से बंद पड़े कालिंदी कुंज के रास्ते का मुआयना किया। करीब बीस मिनट तक निरीक्षण करने के बाद वातार्कार वहां से चले गए। वातार्कार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने की कोशिश करते रहे लेकिन कुछ प्रदर्शनकारी मंच के नीचे से नारेबाजी करते रहे। इस रवैये पर साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर यही रवैया रहा तो हमलोग कल से यहां नहीं आएंगे। आपको सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा करना चाहिए। इस पर मंच के नीचे से कुछ प्रदर्शनकारियों ने सुप्रीम कोर्ट पर भरोसे से भी इनकार कर दिया।