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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण को भष्टाचार के मामले में कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि यह प्राधिकरण भ्रष्टाचार में आकंठ डूबा है। कोर्ट ने यह टिप्पणी उस वक्त की जब प्राधिकरण की ओर से पेश वकील ने प्राधिकरण के अधिकारियों का बचाव करने और फ्लैट खरीदारों की खामियां बतानी शुरू कीं। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस एम.आर. शाह की बेंच ने सुपरटेक के नोएडा एक्सप्रेस स्थित एमरॉल्ड कोर्ट परियोजना मामले में सुनवाई के दौरान कहा कि प्राधिकरण के केवल चेहरे से ही नहीं, बल्कि उसके मुंह, नाक, आंख सभी से भ्रष्टाचार टपकता है। उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि वकील डेवलपर्स का पक्ष ले रहे हैं, जबकि नोएडा प्राधिकरण निजी प्राधिकारण नहीं, सरकारी प्राधिकरण है। कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। याचिकाकर्ताओं के वकील संदीप कुमार ने बताया कि फ्लैट खरीदने के लिए सभी याचियों ने ऋण लिया हुआ है और निरंतर मासिक किस्त का भुगतान कर रहे हैं, साथ ही किराये के मकान में रहने के कारण किराया भी चुका रहे हैं, जो उन पर दोहरी मार है।