Aaj Samaj (आज समाज), पानीपत : सेक्टर 11- 12 में स्थित एंजल प्राइम मॉल में अवैध तरीके से चल रहे बैंक्विट हॉल की गलत तरीके से एनओसी जारी करने के मामले को लेकर जोगेंद्र स्वामी पूर्व जिला पार्षद ने मुख्यमंत्री हरियाणा, डॉ कमल गुप्ता मंत्री अर्बन लोकल बॉडी एवं फायर विभाग, महानिदेशक फायर एम इमरजेंसी विभाग हरियाणा, महानिदेशक विजिलेंस हरियाणा और एसपी विजिलेंस करनाल को भेजी शिकायत में आरोप लगाते हुए कहा कि एफएसओ अश्विनी कौशिक और बैंकट हॉल मालिक ने मिलीभगत कर सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए एनओसी जारी कर दी जिसमें उन्होंने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि विभाग द्वारा हजारों गज में बने बैंकट हॉल में लोगों की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार की सेफ्टी पॉइंट का ध्यान नहीं दिया गया और इस माल की कोई एनओसी जारी नहीं की जबकि 6- 7 साल से विवादों में चल रहे इस माल की बेसमेंट में चल रहे नवकार बैंकट हॉल की अधिकारियों द्वारा विवादित तरीके से एनओसी तक जारी कर दी।
बैंक्वेट हॉल मालिक विभाग को बेवकूफ बना रहा है
उन्होंने कहा कि कुछ बिंदुओं पर गौर की जाए तो खुद में ही स्पष्ट हो जाएगा कि बैंक्वेट हॉल मालिक विभाग को बेवकूफ बना रहा है या फिर विभाग के अधिकारी मोटी सांठगांठ कर गलत तरीके से एनओसी दे रहे है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 2018 में नवकार बैंक्वेट हॉल और एंजेल मॉल में किए गए अन्य अतिक्रमण को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका सीडब्ल्यूपी 27341/2018 दायर की हुई है, जिसमें हुडा विभाग द्वारा न्यायालय को गुमराह करने पर हुडा विभाग पर 50 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया था, जिसमें आगामी तिथि 7 दिसंबर 2023 रखी गई है, जिसमें हुडा विभाग द्वारा कार्रवाई कर 7 तारीख से पहले अपने स्टेटस रिपोर्ट पेश करनी है। पिछले चार-पांच महीना से उच्च न्यायालय द्वारा अधिकारियों को दिए जा रहे कठोर आदेशों से खलबली में आए बैंकट हॉल मालिक द्वारा 1 अगस्त 2023 को आनन फानन में फायर ऑफिसर अश्विनी कौशिक के साथ मिलीभगत करके एनओसी जारी करवा ली गई। जबकि इस बैंक्वेट हॉल पर 2016-17 से ही विवाद चल रहा है। इससे पूर्व किसी भी अधिकारी द्वारा इस बैंक्वेट हॉल को कोई एनओसी जारी नहीं की गई। अब यह केवल उच्च न्यायालय को गुमराह करने का एक षड्यंत्र बैंक्वेट हॉल मालिक और फायर विभाग के अधिकारियों द्वारा रचा गया है।
मामला हाईकोर्ट में लंबित
उन्होंने कहा कि फायर विभाग के अधिकारियों द्वारा जिस लोअर ग्राउंड फ्लोर की एनओसी जारी की गई है, वह फ्लोर इस बैंकट हॉल में है ही नहीं जिसको लेकर मामला हाईकोर्ट में लंबित है, क्योंकि लोअर ग्राउंड फ्लोर का कवर्ड एरिया 450.65 स्क्वायर मीटर ही है, जबकि जहां एनओसी दी गई वह जमीन से 10 फीट नीचे 100 प्रतिशत कवर्ड एरिया एक बेसमेंट है। जबकि लोअर ग्राउंड फ्लोर का कवर्ड एरिया 450 .65 स्क्वायर मीटर ही हुडा विभाग के नक्शे के अनुसार होना चाहिए। जिसमें इस फ्लोर पर चारों तरफ दुकान ही बनाई जानी थी, बाकी लेटर रहित छोड़ा जाना था जो हुडा विभाग द्वारा जारी पत्र के बिंदु नंबर 2 और 7 में स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है लेकिन हैरानी यह होती है कि एफएसओ फायर विभाग द्वारा ऐसा कौन सा नक्शा लिया गया, जहां उन्होंने 1450 स्क्वायर मीटर की एनओसी जारी की जबकि यह कवर्ड एरिया लगभग 2200-2300 स्क्वायर मीटर के करीब बनता है, जिससे स्पष्ट होता है फायर अधिकारी द्वारा लोगों की जान माल की सुरक्षा को नजरअंदाज कर केवल अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए यह एनओसी जारी की गई।
सैकड़ों लोगों का जीवन संकट में आ सकता है
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि एफएसओ द्वारा जो एनओसी जारी की गई है। उसमें ऊंचाई 4 मीटर दिखाई गई है जबकि इस भवन के अंदर सीलिंग के बाद केवल 8-9 फीट से अधिक ऊंचाई है ही नहीं फिर उन्होंने 12 फीट की ऊंचाई कहां से ली उसकी जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह बेसमेंट जमीन से 10 -11 फीट नीचे से ली गई है। उसके बाद लेटर भी डाला गया है फिर सीलिंग की गई उसके बाद 12 फुट कैसे कर दी गई एक हैरानी का विषय है। उन्होंने कहा कि इस बैंकट हॉल में बनी पार्किंग को बैंकट हॉल बना दिया गया, इसमें हलवाई द्वारा बड़े-बड़े सिलेंडर और गैस चूल्हो का भी प्रयोग किया जाता है। इसकी ऊंचाई केवल 8-9 फीट है और 2200-2300 स्क्वायर मीटर 100 प्रतिशत कवर्ड एरिया है। अगर कोई हादसा होता है तो सैकड़ों लोगों का जीवन संकट में आ सकता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों द्वारा उच्च न्यायालय को भी गुमराह करने का कार्य किया है, क्योंकि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है और उससे पूर्व इस प्रकार की एनओसी देना अधिकारियों का भ्रष्टाचार में संलिप्त होना दर्शाता है उन्होंने उच्च अधिकारियों से मांग करते हुए कहा कि इस मामले में तत्काल प्रभाव से ऐसे अधिकारियों को बर्खास्त कर आपराधिक मामला दर्ज किया जाए और जारी की गई एनओसी को रद्द करने के आदेश दिया जाए।