Nobel Peace Prize 2023: ईरान की महिला पत्रकार और एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी शांति के नोबेल से सम्मानित

0
285
Nobel Peace Prize 2023
ईरान की महिला पत्रकार और एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी। 

Aaj Samaj (आज समाज), Nobel Peace Prize 2023, स्टॉकहोम: ईरान की महिला पत्रकार और एक्टिविस्ट नरगिस मोहम्मदी को शांति के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी आफ साइंसेज ने शुक्रवार को यह घोषणा की। नोबेल कमेटी ने माना है कि नरगिस मोहम्मदी ने महिलाओं की आजादी और उनके हक के लिए आवाज उठाई है।

  • जेल में बंद हैं महिलाओं के हक के लिए लड़ने वाली नरगिस
  • 51 वर्षीय एक्टिविस्ट अब तक 13 बार गिरफ्तार हो चुकी हैं

31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा

बता दें कि 51 वर्षीय नरगिस मोहम्मदी 13 बार गिरफ्तार भी हो चुकी हैं और अब भी वह ईरान की एवान जेल में बंद हैं। उन्हें 31 साल की जेल और 154 कोड़ों की सजा सुनाई गई है। ईरान ने नरगिस मोहम्मदी को सरकार के खिलाफ प्रोपेगैंडा फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है। कमेटी ने शांति के नोबेल पुरस्कार का ऐलान ईरान की महिलाओं के नारे जन- जिंदगी-आजादी के साथ की।

पुरस्कार राशि 8.33 करोड़ और एक गोल्ड मेडल

नोबेल मिलने के बाद नरगिस को 8.33 करोड़ का इनाम और एक गोल्ड मेडल दिया जाएगा। कुर्दिस्तान ईरान के जंजन शहर में 21 अप्रैल 1972 को जन्मी नरगिस ने फिजिक्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद इंजीनियर और तौर पर काम किया। वो कॉलमनिस्ट भी रहीं और कई अखबारों के लिए लिखती थीं।

1990 के दशक से ही नरगिस महिलाओं के हक के लिए आवाज उठा रही थीं। 2003 में उन्होंने तेहरान के डिफेंडर्स आफ ह्यूमन राइट सेंटर में काम शुरू किया। नोबेल प्राइज वेबसाइट के मुताबिक, नरगिस मोहम्मदी को जेल में बंद कार्यकर्ताओं और उनके परिवारों की सहायता करने की कोशिश के आरोप में पहली बार 2011 में जेल हुई थी। 2 साल बाद बेल मिल गई थी। 2015 में उन्हें दोबारा जेल हुई।

नरगिस ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ से भी पुरस्कृत

नरगिस मोहम्मदी ने व्हाइट टॉर्चर नाम से एक किताब भी लिखी ह ईरानी हुकूमत की तमाम कोशिशों के बावजूद, नरगिस की आवाज दबाई नहीं जा सकी। जेल में रहते हुए भी उन्होंने साथी कैदियों की तकलीफ को दर्ज करना शुरू किया। आखिर नरगिस मोहम्मदी ने कैदियों से बातचीत के पूरे ब्योरे को अपनी किताब व्हाइट टॉर्चर में उतार दिया। 2022 में उन्हें रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स के साहस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

पति तागी रहमानी पॉलिटिकल एक्टिविस्ट

नरगिस मोहम्मदी ने जून में अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि उन्होंने 8 साल से अपने बच्चों को नहीं देखा है। आखिरी बार अपनी जुड़वा बेटियों अली व कियाना की आवाज उन्होंने एक साल पहले सुनी थी। बता दें कि नरगिस मोहम्मदी की दोनों बेटियां उनके पति तागी रहमानी के साथ फ्रांस में रहती हैं। तागी भी एक पॉलिटिकल एक्टिविस्ट हैं और ईरान की सरकार ने उन्हें भी 14 साल जेल की सजा सुनाई थी।

यह भी पढ़ें :

Connect With Us: Twitter Facebook