लखनऊ। अयोध्या मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े के दावे को खारिज कर दिया था। इस पर निमोर्ही अखाड़े ने कहा है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर मालिकाना हक का अपना दावा खारिज होने का उसे कोई अफसोस नहीं है। इस ऐतिहासिक फैसले पर निमोर्ही अखाड़े के वरिष्ठ पंच महंत धर्मदास ने कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने रामलला के पक्ष को मजबूत माना है। इससे निमोर्ही अखाड़े का मकसद पूरा हुआ है। मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में यह कहते हुए निमोर्ही अखाड़े का दावा खारिज किया कि निमोर्ही अखाड़ा राम लला की मूर्ति का उपासक या अनुयायी नहीं है।