No one around Pant in ICC Player of the Month award: आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ` अवॉर्ड में पंत के आस-पास भी कोई नहीं

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मुझे खुशी है कि आईसीसी ने प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड शुरू किया है और इसके पहले ही पड़ाव में एक भारतीय खिलाड़ी को नॉमिनेट किया गया है। जी हां, ऋषभ पंत की मैं बात कर रहा हूं। उनके साथ जो रूट और आयरलैंड के पॉल स्टर्लिंग को भी नॉमनेट किया गया है।

यह खबर भारतीय दृष्टिकोण से काफी अहम है क्योंकि भारतीयवासियों को अब इंतज़ार करना चाहिए कि पंत को यह अवॉर्ड कब दिया जाता है। मेरे ख्याल से पंत का कोई कॉम्पिटीशन नहीं है। अगर समूचे करियर को लेकर यह अवॉर्ड होता तो मैं जो रूट के साथ जाता लेकिन ब्रिसबेन टेस्ट जिताने में बहुत बड़ा रोल निभाने वाले पंत इस जीत के बाद स्टार ही नहीं, सुपरस्टार बन गए हैं।

इसमें कोई दो राय नहीं कि जो रूट और पंत के प्रदर्शन से उनकी टीमें जीती हैं। दोनों ने विदेश में शानदार प्रदर्शन किया है। रूट ने बेशक एक सेंचुरी और एक डबल सेंचुरी बनाई है जबकि पंत ने एक भी सेंचुरी नहीं बनाई लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर रूट का प्रदर्शन किस टीम के खिलाफ है। क्या ऐसी टीम के खिलाफ जो आईसीसी की वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप पांच में भी नहीं आती। उसका अटैक भी अब पहले जैसा नहीं रह गया है। फर्नांडो को छोड़कर कोई भी इस अटैक में ऐसा नाम नहीं है जिसके पास अनुभव हो या फिर गेंदबाज़ी कला में दक्षता हो। सच तो यह है कि इस अटैक में ज़्यादातर नाम ऐसे हैं जिनके नाम भी किसी ने शायद ही सुने हों लेकिन वहीं ऋषभ पंत की शानदार बल्लेबाज़ी मिचेल स्टार्क, पैट कमिंस और जोस हैज़लवुड के जानदार अटैक के सामने है। तीनों की टेस्ट विकेटों की संख्या एक हज़ार से भी ज़्यादा है। सच तो यह है कि पंत ने इस जानदार अटैक को बेहद हल्का बना दिया। दूसरे, जो रूट ने जब श्रीलंका में बल्लेबाज़ी की तो उनके पास अपनी पूरी क्षमताओं वाली टीम थी जबकि पंत ने ऐसे समय में जीत दिलाई जब टीम इंडिया के सात-आठ खिलाड़ी इंजर्ड थे। उन्होंने ऐसे मुश्किल हालात में जीत दिलाई जब दूसरे छोर से विकेट गिर रहे थे। आलम यह था कि जब उन्होंने टीम को जीत तक पहुंचाया तो दूसरे छोर पर लोअर ऑर्डर के बल्लेबाज़ नवदीप सैनी मौजूद थे। पंत के इस प्रदर्शन से हम फख्र से कह सकते हैं कि हमने ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में एक बार नहीं लगातार दो बार हराया है और वह भी बेहद विपरीत परिस्थतियों में।

ऋषभ पंत की पारी ने हर भारतवासी को गर्व का अहसास कराया। ऐसे अभूतपूर्व काम करने के लिए ऐसी पारियां निहायत ज़रूरी हैं। ऐसी पारियां निश्चय ही अन्य खिलाड़ियों को भी प्रेरित करती हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि भविष्य में भी भारत की ओर से कई मैच विनर सामने आएंगे और आईसीसी प्लेयर ऑफ द मंथ अवॉर्ड के लिए मेरे ख्याल से कोई प्रतियोगिता है ही नहीं। पंत को ही यह अवॉर्ड मिलेगा।

विवेक राजदान

(लेखक टीम इंडिया के पूर्व तेज़ गेंदबाज़ और वर्तमान में टीवी कमेंटेटर हैं)