बच्चों की मौत में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं : सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा

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No negligence of any kind is tolerated in the death of children: Dr. Devinder Dhanda

जगदीश, नवांशहर:

  • देश में ज्यादातर बच्चों की मौत को रोका जा सकता है
  • पिछले चार माह में बच्चों की मौत के कारणों की समीक्षा बैठक की

सिविल सर्जन डॉ. देविंदर ढांडा की अध्यक्षता में सिविल सर्जन कार्यालय में एक बाल मृत्यु समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया है, जिसमें शून्य से पांच वर्ष की आयु के बच्चों की मृत्यु के चिकित्सा और सामाजिक कारणों की समीक्षा करने के लिए, चिकित्सा और सामाजिक कारणों सहित, स्वास्थ्य में जिसमें अंतिम चार स्वास्थ्य प्रखंड मुकंदपुर में आयोजित की गई हैं।महीने के दौरान शिशु मृत्यु को शामिल किया गया।

बच्चों की मौत में लापरवाही बर्दाश्त नहीं

इस अवसर पर सिविल सर्जन डाॅ. देविंदर ढांडा ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा कि बच्चों की मौत में लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए। यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी किसी बच्चे की मृत्यु में चिकित्सकीय रूप से लापरवाही करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

बाल मृत्यु दर को कम करने के लिए जागरूक 

उन्होंने कहा कि बाल मृत्यु समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य मृत्यु के चिकित्सीय कारणों के बारे में जानकारी प्राप्त करना और साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं में कमियों और बच्चों की मृत्यु के लिए जिम्मेदार सामाजिक कारणों की पहचान करना है उन्होंने कहा कि बाल मृत्यु दर को कम करने यानी रोकने के लिए जागरूकता बहुत जरूरी है। इसलिए लोगों को ऐसी घटनाओं के कारणों के बारे में शिक्षित करने और उनकी रक्षा करने के लिए पर्याप्त जानकारी दी जानी चाहिए।

गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान

डॉ ढांडा ने आगे कहा कि पंजीकरण से लेकर प्रसव तक गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जाए सभी हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को ट्रैक कर उनके इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाए। प्रत्येक उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला का विशेष ध्यान रखते हुए सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करें। प्रत्येक गर्भवती महिला की नियमित प्रसवपूर्व जांच के अलावा, चिकित्सा अधिकारी द्वारा कम से कम दो जांच की जानी चाहिए और इसी तरह प्रत्येक उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला को नियमित प्रसवपूर्व जांच के अलावा स्त्री रोग विशेषज्ञ द्वारा कम से कम 2 प्रसव पूर्व जांच करानी चाहिए।

इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. डॉ. बलविंदर कुमार, जिला परिवार कल्याण अधिकारी। डॉ. राकेश चंद्रा, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी। रविंदर सिंह, डाॅ. हरपिंदर सिंह, डाॅ. निरंजन पाल, जिला कार्यक्रम प्रबंधक राम सिंह, प्रखंड विस्तार शिक्षक विकास विरदी एवं सुशील कुमार सहित संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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