नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के प्रेमी युगल की शादी मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। मुस्लिम युवक ने हिंदू महिला से शादी की और महिला के घर वालों के लिए अपना धर्म भी परिवर्तन किया। लेकिन महिला के परिवार को उस पर विश्वास नहीं हुआ और वह युवक द्वारा धर्म परिवर्तन को दिखावा बताने लगे। ऐसे में जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हमें सिर्फ महिला के भविष्य की चिंता है। हमें गैर धर्म या गैर जाति में विवाह से कोई फर्क नहीं पड़ता। अदालत का मानना है कि युवक को एक वफादार पति और एक अच्छा प्रेमी होना चाहिए। वहीं महिला के पिता की ओर से वकील का कहना था कि ये महिलाओं को फंसाने का एक रैकेट है। इसपर कोर्ट ने युवक को एफीडेविट फाइल करने और बोनाफाइड दिखाने को कहा है।