No decision will be made after colleges and universities examinations after June 30- CM: कालेजों और विवि की परीक्षाओं को लेकर 30 जून के बाद होगा कोई फैसला- सीएम 

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 शिमला। हिमाचल प्रदेश में सरकार स्कूलों को खोलने को लेकर 30 जून के बाद ही कोई फैसला लेगी। वहीं, कालेज स्नातक और विश्वविद्यालय की स्नात्कोत्तर परीक्षाएं करवाने को लेकर भी 30 जून तक ही कोई फैसला लिया जा सकता है। हिमाचल सरकार को इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्रालय की गाइडलाइन का इंतजार है। इस संबंध में हिमाचल सरकार कोई भी निर्णय केंद्र सरकार की गाइडलाइन के बाद लेगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शनिवार को शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक के बाद यह बात कही।
इससे पहले, शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में 929 उच्च और 1871 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं के अतिरिक्त 138 राजकीय महाविद्यालय विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान शिक्षा क्षेत्र में विभिन्न घटकों में 3,671.95 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2020-21 के दौरान भवनों और शैक्षिक अधोसंरचना के लिए 116.37 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए। पिछले वित्त वर्ष के दौरान इन मदों पर 114.36 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था। उन्होंने कहा कि 1171 निर्माण कार्य पूरे कर लिए गए हैं, जबकि 314 कार्य प्रगति पर हैं। उन्होंने अधिकारियों को छात्रों की सुविधा के लिए शैक्षणिक संस्थानों में भवनों के निर्माण और अधोसंरचनात्मक कार्यों पर तेजी से काम करने के निर्देश दिए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि शिक्षा विभाग कोविड-19 महामारी के मद्देनजर छात्रों को पढ़ाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का अधिकतम प्रयोग सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न माध्यमों जैसे दूरदर्शन, रेडियो और सोशल मीडिया का प्रयोग बच्चों को पढ़ाने के लिए किया जा रहा है। बैठक में बताया गया की मुख्यमंत्री द्वारा की गई 194 घोषणाओं में से 140 घोषणाओं को लागू कर दिया गया है तथा 54 घोषणाओं पर प्रक्रिया जारी हैं।
शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने राज्य में लगभग विभिन्न स्कूलों में कार्यरत 10097 पीटीए, पैट और पैरा-शिक्षकों की सेवाओं को नियमित करने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही लंबे समय से लंबित मांग पूरी हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को विभिन्न एजेंसियों द्वारा सर्वश्रेष्ठ राज्य का दर्जा दिया गया है। मुख्य सचिव अनिल खाची, प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री प्रधान सचिव जेसी शर्मा, विशेष सचिव राखिल काहलों और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

क्लस्टर विवि मंडी के कार्य में तेजी लाने के निर्देश 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल कलस्टर विश्वविद्यालय मण्डी की स्थापना रूसा के दिशा-निर्देशों अनुसार की गई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने इस विश्वविद्यालय के लिए 55 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जिसमें से 27.50 करोड़ रुपये आवंटित कर दिए गए हैं। उन्होंने अधिकारियों को इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में अधोसंरचना, 26 महाविद्यालयों में अधोसंरचना, चम्बा जिला के लिल्ह कोठी में नए माॅडल डिग्री काॅलेज, डीएवी सेंटनरी महाविद्यालय कोटखाई और राजकीय महाविद्यालय चम्बा के स्तरोन्नयन के लिए रूसा के तहत वर्ष 2018 में 92 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे।
राष्ट्रीय फ्लैगशिप योजनाओं को अक्षरशः लागू करने के निर्देश 
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राष्ट्रीय फ्लैगशिप योजनाएं जैसे छात्रवृति योजनाएं जैसे रूसा, स्वच्छ भारत अभियान, खेलो इंडिया स्कूल गेम्स, एक भारत श्रेष्ठ भारत, भारत स्काउटस एंड गाईडस, इंस्पायर अवार्ड योजना, अटल टिंकरिंग लैब, साप्ताहिक आयरन फॉलिक ऐसिड सप्लिमेंटेंशन प्रोग्राम, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्रोग्राम, होस्टल सुविधाएं प्रदान करने के लिए आदि योजनाओं को अक्षरशः लागू करें, ताकि इन योजनाओं के लाभ अधिकतम विद्यार्थियों तक पहुंच सकें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 के दौरान केंद्र प्रायोजित छात्रवृत्ति योजनाओं पर 98.98 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।