नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ रही है कि जनसंख्या को लेकन नीति आयोग शुक्रवार को बैठक करेगा। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के 2015-16 के आंकड़ों के मुताबिक जनसंख्या प्रति महिला 2.2 के करीब आ चुकी है. 2005-06 में यह 2.7 थी। यानी पहले की तुलना में अब प्रजनन दर में गिरावट आयी हैं। शहरी औरतों में यह दर 1.8 बच्‍चा प्रति महिला है जबकि ग्रामीण महिलाओं में 2.4 है। प्रजनन दर सिक्किम में सबसे कम 1.2 जबकि बिहार में सबसे ज्यादा 3.4 है. यानी बिना किसी कानून के ही शहरों में जनसंख्‍या नियंत्रण चल रहा है। नीति आयोग अपने दृष्टिकोण 2035 के तहत यह पर्चा तैयार कर रहा है। आयोग ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि इस बैठक में गर्भ निवारण के लिए अपनाए जाने वाले नए विकल्पों पर सुझाव आ सकते हैं। भारत की आबादी इस समय 1.37 अरब है। यह दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। बता दें कि आयोग देश के परिवार नियोजन कार्यक्रम में खामियों को दूर करने के लिए एक तकनीकी पर्चा पेश करने वाला है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि यह सिर्फ विचार विमर्श है। आयोग ने कहा कि देश अपने सतत विकास लक्ष्य और आर्थिक आकांक्षाओं को हासिल कर सके, इसके लिए जरूरी है कि लोगों के पास परिवार नियोजन के उपायों और गुणवत्ता वाली परिवार नियोजन सेवाओं की पूरी जानकारी हो।