Nita Ambani puts India’s growing strength in sports to the world: नीता अंबानी ने खेलों में भारत की बढ़ती ताकत को दुनिया के सामने रखा

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लंदन। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की सदस्य और रिलायंस फाउंडेशन की संस्थापक चेयरपर्सन नीता अंबानी ने बड़े सलीके से खेलों की दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत को दुनिया के सामने रखा। नीता ने वैश्विक खेल प्रमुखों से कहा कि वह भारत में मौजूद अनगिनत अवसरों को देखें और खेल के क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहे इस देश की यात्रा का हिस्सा बनें। नीता ने यहां खेलों की दुनिया के वैश्विक नेताओं के महत्वपूर्ण सम्मेलन लीडर्स वीक-2019 लंदन में ‘इंस्पायरिंग ए बिलियन ड्रीम्स : द इंडिया अपॉर्चूनिटी’ विषय पर दिए अपने भाषण में बताया कि कैसे भारत दुनिया में खेलों के क्षेत्र में सुपर पॉवर बन सकता है।
नीता ने कहा, कोई भी कारण नहीं है कि क्यों 1.3 अरब लोगों का यह देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वालों में अग्रणी नहीं बन सकता। यह मेरी उम्मीद और सपना है कि भारत को विश्व की खेलकूद की सबसे प्रतिष्ठित चैंपियनशिप जैसे ओलंपिक और फीफा विश्व कप का आयोजन करते देखूं। मैं आप सबको आमंत्रित करती हूं कि आप भी हमारे साथ जुड़िए और इस महान भारत के सपने का हिस्सा बनिए। रिलायंस फाउंडेशन की चेयरपर्सन नीता ने देश में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार की भी तारीफ की और कहा कि यह खेल के लिए देश में सबसे अच्छा समय है। इससे पहले, खेलों को लेकर भारत में ऐसा बेहतरीन वातावरण कभी नहीं रहा लेकिन मौजूदा सरकार ने खेलों को प्राथमिकता दी है और खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया है।
नीता ने कहा, हम सभी भाग्यशाली हैं क्योंकि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भारत में खेल को एक वैश्विक शक्ति में बदलने की व्यापक दृष्टि है। इस समय भारत में विश्व स्तर पर योग को बढ़ावा देने के अलावा प्रधानमंत्री ने खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में दो नई पहल की हैं। इनमें पहला ‘खेलो इंडिया’ प्रोग्राम है और दूसरा महत्वकांक्षी प्रोग्राम ‘फिट इंडिया’ है। उन्होंने कहा, भारत तेजी से दुनिया में खेलों के क्षेत्र में एक शक्ति के रूप में उभर रहा है। भारत आपके लिए लोकतंत्र, विविधता, डेमोग्राफी और विकास का अनोखा मेल पेश करता है। नया भारत वह जमीन है जो आप सभी का खुली बाहों से स्वागत करता है।
नीता के मुताबिक देश में खेलों की बढ़ती ताकत की मिसाल क्रिकेट की लीग आईपीएल है। पहले के दस सालों में आईपीएल के मीडिया राइट्स 95 करोड़ डॉलर में बिके थे। पिछले साल आईपीएल के अगले पांच सालों के मीडिया अधिकार 2.5 अरब डॉलर में बेचे गए हैं। पांच वर्षो में यह 500 प्रतिशत की चौंका देने वाली वृद्धि है। भारत को खेलों से प्यार करने वाला देश बताते हुए नीता ने कहा कि भारत के विश्व कप के फाइनल में नहीं पहुंचने के बावजूद 18 करोड़ भारतीयों ने इसे टीवी पर देखा जबकि इंग्लैंड में केवल डेढ़ करोड़ लोगों ने ही इसे टीवी पर देखा। अब सोचिए अगर भारत फाइनल में पहुंचा होता तो क्या होता।
देश में पिछले कुछ वर्षो में ओलम्पिक, फीफा विश्व कप और इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) का बाजार भी काफी बढ़ा है। पिछले साल करीब 80 करोड़ भारतीयों ने टीवी पर स्पोर्ट्स देखा। आईपीएल की लोकप्रियता ने फुटबाल, हॉकी, बैडमिंटन, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, कुश्ती और कबड्डी जैसे खेलों की पेशेवर लीग को भी जन्म दिया। नीता ने कहा, मैं 44 वर्ष की थी, जब अधिकांश खिलाड़ियों ने संन्यास ले लिया और मैंने मुंबई इंडियंस के माध्यम से मैदान में प्रवेश किया। इसने मेरे जीवन और दृष्टिकोण को बदल दिया। मुझे 2009 में क्रिकेट का ज्ञान नहीं था और फिर मैंने इस खेल के बारे में सबकुछ सीख लिया। आज दस साल बाद मैं गर्व से कह सकती हूं कि हमने चार आईपीएल और दो चैंपियंस लीग खिताब के साथ मुंबई इंडियंस को सबसे मूल्यवान टीम बनाया है।
नीता ने कहा, एक शिक्षक और एक मां के रूप में मुझे पता था कि हमारे स्कूल के बच्चे आधी रात को जागकर प्रीमियर लीग के मैच देखेंगे। तभी मुझे एहसास हुआ कि युवा पीढ़ी को फुटबाल में बहुत रुची है। मैंने देखा कि इस खूबसूरत खेल के लिए भारत में एक बड़ा अवसर है। पांच वर्षो के भीतर ही आईएसएल भारत में तीसरी सबसे ज्यादा देखी जाने वाली लीग बन गई है। वर्ष 2018-19 में टीवी पर इसे करीब 16.8 करोड़ लोगों ने देखा। नीता ने कहा कि आईएसएल ने भारत में फुटबाल को आगे बढ़ाया है और युवाओं को इसमें अपना करियर बनाने का मौका दिया है।
नीता ने केरला ब्लास्टर्स के लिए खेल रहे संदेश झिंगन का उदहारण देते हुए बताया, जब झिंगन ने आईएसएल में खेलना शुरू किया था तब उनका वेतन 3000 डॉलर था, लेकिन अब उनका वेतन करीब 180,000 डॉलर है। उनके शुरुआती वेतन से 60 गुना ज्यादा। आईएसएल ने केवल देश में केवल पेशेवर स्तर पर ही फुटबाल की नहीं बदला है बल्कि ग्रासरूट स्तर पर 15 लाख बच्चों तक भी अपनी पहुंच बनाई है।