Nirmala Sitharaman On White Paper: यूपीए के शासन में कोयला राख हो गया, हमने कोयले को हीरा बनाया

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Nirmala Sitharaman On White Paper
श्वेत पत्र पर लोकसभा में जवाब देतीं वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण।

Aaj Samaj (आज समाज), Nirmala Sitharaman On White Paper, नई दिल्ली: केंद्र सरकार की ओर से भारतीय अर्थव्यवस्था पर पेश किए गए श्वेत पत्र को शुक्रवार को लोकसभा में बहस हुई। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसका जवाब दिया। उन्होंने ही गुरुवार को सदन में 59 पेज का श्वेत पत्र पेश किया था। वित्त मंत्री ने बीते कल चर्चा के दौरान यूपीए सरकार को घेरा। निर्मला सीतारमण ने कहा कि पहले की सरकार यानी यूपीए कोयले को राख करके चली गई और हमने कोयले को हीरा बना दिया।

सत्यानाश करके आज घड़ियाली आंसू बहा रहे

सीतारमण ने कहा कि यूपीए सब कुछ सत्यानाश करके गई और आज ये लोग मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। उधर यूपीए के नेताओं ने कहा कि उनकी सरकार ने आर्थिक बुनियाद को मजबूती दी। निर्मला सीतारमण ने कहा, देश में यूपीए के शासन काल में कोयले की कमी के कारण पावर प्लांट की स्थिति खराब थी। उस दौरान कोयला उत्पादन करने वाले राज्यों की हालत खस्ता हो गई। वित्त मंत्री ने कहा, इन लोगों ने कोयले को राख बना दिया था, लेकिन हम लोगों ने उस कोयले को हीरा बना दिया। आज वहीं हीरा खनिज क्षेत्र में डिस्ट्रिक मिनरल फाउंडेशन के रूप में अपनी चमक फैला रहा है।

अर्थव्यवस्था को हम नहीं सुधारते तो जाने क्या हाल होता

सीतारमण ने यह भी कहा कि 2020 से 9 बार आक्शन में कोल ब्लॉक का एलोकेशन हुआ। पीछे के दरवाजे से मेरे भाई, मेरे बहन, मेरे भतीजे को एलोकेशन नहीं दिया है और आज ये हमें क्रोनी कैपिटलाइजेशन पर ज्ञान देते हैं। उन्होंने कहा कि यूपीए के शासनकाल में जिस तरह से अर्थव्यवस्था की स्थिति थी यदि हमारी सरकार हालात नहीं सुधारती तो भगवान जाने क्या हाल होता। कोविड के बाद मोदी जी ने देश को कैसे संभाला, यह जनता जानती है। इस देश में 12 दिन का कॉमनवेल्थ गेम का हाल क्या हुआ, पूरी दुनिया ने देखा। उसमें करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ। भारत दुनिया में बदनाम हुआ।

हमने जी-20 को शानदार तरीके से चलाया

वित्त मंत्री ने कहा, इसके उलट हमने जी-20 में पूरे राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित की। जी-20 को शानदार तरीके से चलाया। इससे देश-विदेश में भारत का मान बढ़ा है। इस श्वेत पत्र में उसपर भी बातचीत है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, यूपीए सरकार को अधिक सुधारों के लिए तैयार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था विरासत में मिली थी, लेकिन उसने अपने दस साल में इसे नॉन परफॉर्मिंग बना दिया। 2004 में जब यूपीए सरकार ने अपना कार्यकाल शुरू किया तो इकोनॉमी 8 फीसदी की दर से बढ़ रही थी। पहले 5 साल यानी 2004 से 2008 तक इकोनॉमी तेजी से बढ़ी और महंगाई भी कम थी।

26 पार्टियों के साथ के बावजूद जीएसटी लागू नहीं कर सके

निर्मला सीतारमण ने कहा, यूपीए सरकार ने 1 अप्रैल 2010 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने का वादा किया था। देश भर से 26 पार्टियों का गठबंधन होने के बावजूद, यूपीए सरकार 1 अप्रैल 2010 को जीएसटी लागू करने में विफल रही। इससे स्ट्रक्चरल रिफॉर्म बाधित हुआ। हमारी सरकार आने तक वन नेशन, वन मार्केट सिस्टम को प्राप्त करने की आकांक्षा एक अवास्तविक लक्ष्य बनकर रह गई।

घरेलू निवेशकों ने विदेशों का रुख किया

श्वेत पत्र के अनुसार, यूपीए सरकार के हतोत्साहित करने वाले निवेश माहौल ने घरेलू निवेशकों को विदेशों में अवसर तलाशने के लिए प्रेरित किया। बार-बार नीतिगत बदलावों के कारण इंडस्ट्रियलिस्ट्स ने इंडोनेशिया और ब्राजील जैसे देशों में निवेश का रुख किया।

 हमारा लक्ष्य भारत को विकसित राष्ट्र बनाना

वित्त मंत्री ने कहा, 2014 में जब मोदी सरकार आई तो उसने कठोर फैसले लिए, जिससे अर्थव्यवस्था पटरी पर आई। देश की अर्थव्यवस्था अब दुनिया की पांच नाजुक अर्थव्यवस्थाओं से शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में पहुंच गई है। हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।

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