नई दिल्ली। दिल्ली के निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इस मामले के चार दोषियों में से दो ने डेथ वारंट जारी होने के बाद अपने बचाव के लिए क्यूरेटिव पिटीशन दायर की थी। जिसे आज सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। मौत की सजा के खिलाफ दोषी विनय और मुकेश ने क्यूरेटिव पेटिशन दाखिल की थी जिसकी सुनवाई के बाद कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। याचिका पर जस्टिस एनवी रमन्ना की अगुवाई वाली पांच सदस्यीय सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने सुनवाई की। इस बेंच में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस आर भानुमती और जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे।
गौरतलब है कि पिछले मंगलवार को दिल्ली की एक अदालत ने मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) के खिलाफ डेथ वारंट जारी किया था। निर्भया के चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी जाएगी। वहीं निर्भया की मां आशा देवी ने कहा था कि यह बस मामले को लटकाने की कोशिश है। मुझे पूरी उम्मीद है कि उनकी याचिका खारिज कर दी जाएगी। निर्भया के दोषियों को 22 जनवरी को फांसी दी जाएगी। इस मामले के चार दोषियों विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को मृत्युदंड सुनाया गया। एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी और नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।
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