नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में एक ओर निर्भया के माता-पिता चाहते हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द फांसी की सजा हो। लेकिन दोषी भी कानूनी दांव पेंच का सहारा लेकर किसी तरह अपने आप को बचाने की कोशिश में लगे हैं और चाह रहे हैं कि अधिक से अधिक समय उन्हें मिल जाए। अब सुप्रीम कोर्ट दोषी पवन की अपराध के समय नाबालिग होने की याचिका पर सुनवाई 20 जनवरी को करेगा। बता दें कि दोषी पवन की नाबालिग होने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है जिसे दोषी के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। पवन ने सुप्रीम कोर्ट में स्पेशल लीव पीटिशन (एसएलपी) याचिका दाखिल करके कहा है कि अपराध के समस वह नाबालिग था। दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी पवन की नाबालिग होने की याचिका खारिज कर दी थी। दोषी के वकील एपी सिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने निर्भया के दोषियों में से एक मुकेश सिंह की दया याचिका खारिज कर दी है।