नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में दोषी मुकेश ने अपनी फांसी की सजा माफ किए जाने के लिए राष्ट्रपति को दया याचिका दी थी जो राष्टÑपति भवन से खारिज कर दी गई थी। अब मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट से राष्ट्रपति के दया याचिका ठुकराने के खिलाफ दायर याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश के वकील से कहा कि वह शीर्ष अदालत के सक्षम अधिकारी के समक्ष सोमवार को ही याचिका का उल्लेख करें। कोर्ट ने कहा किअगर किसी को फांसी दी जाने वाली है तो ऐसे केस की सुनवाई से अधिक जरूरी कुछ नहीं हो सकता । वहीं दूसरी ओर निर्भया की मां आशा देवी ने मध्यप्रदेश के इंदौर में कहा कि उन्हें पिछले सात सालों से न्याय का इंतजार है। सात वर्षों से वह अपनी बेटी के लिए न्याय की मांग कर रहीं है। इस बीच उन्हें कई बार हताशा-निराशा का सामना करना पड़ा है। उन्होंने फिर से अपील की कि आने वाली एक फरवरी को दोषियों ेको फांसी दे दी जानी चाहिए। गौरतलब है कि निर्भया के दोषियों के खिलाफ दिल्ली की अदालत ने दूसरी बार डेथ वारंट जारी किया है। जिसके मुताबिक, सभी को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी की सजा दी जानी है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी बेटी के लिए बीते 7 वर्ष से इंसाफ की मांग कर रहीं हैं। उन्होंने कहा क्रूरतम अपराध सामूहिक दुष्कर्म के बाद मौत से लड़ती उनकी बेटी की आखिर क्या गलती थी। उन्होंने कहा कि जिंदगी की जंग लड़ती उनकी बेटी को उन्होंने तड़पते-मरते हुए देखा है। ऐसी वेदना से ईश्वर सबको दूर रखें। आशा देवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बीते 7 वर्षों में कोई मानव अधिकार का नुमाइंदा उनसे नहीं मिला है। उन्हें तारीख पर तारीख मिल रही है। अब आगामी एक फरवरी को सभी दोषियों को फांसी मिले, इससे निर्भया को इंसाफ मिलेगा।