नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों की ओर से सजा से बचने के लिए टाइम गेम खेला जा रहा है। चारों दोषियों की ओर से अपनी फांसी की सजा को टालने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। अब जबकि इन दोषियों की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति तक से खारिज हो चुकी हैं। तब इन चारों दोषियों में से तीन दोषियों ने इंटरनेशनल कोर्ट आॅफ जस्टिस (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया है। तीन दोषियों ने आईसीजे में अपनी फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका दाखिल करने वाले दोषियों में अक्षय, पवन और विनय शामिल हैं। गौरतलब है कि निर्भया के दोषियों के लिए चौथी बार नया डेथ वारंट जारी किया गया है। नए डेथ वारंट के अनुसार निर्भया गैंगरेप के सभी दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा दी जानी है। बता दें कि सोमवार को दोषी मुकेश की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने अपने सभी कानूनी उपायों को यह कहते हुए बहाल करने का अनुरोध किया था कि उसके पुराने वकील ने उसे गुमराह किया था। वहीं दोषियों के परिवार वाले भी इन्हें बचाने का प्रयास किया जा रहा है। निर्भया गैंगरेप मामले में चार दोषियों के परिवार वालों ने रविवार को राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है। इच्छामृत्यु की मांग करने वाले में उनके परिवार के बुजुर्ग, माता-पिता भाई-बहन और उनके बच्चे शामिल हैं। दोषियों के परिजनों ने कहा कि ऐसे कोई पाप नहीं हैं जिसे माफ नहीं किया जा सकता है। पत्र में आगे लिखा है कि हमारे देश में महापापी (महान पापी) को क्षमा कर रहे हैं। बदला की परिभाषा शाक्ति नहीं है। क्षमा करना शक्ति है। आपको बता दें कि नए डेथ वारंट के अनुसार, निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों विनय शर्मा, अक्षय सिंह ठाकुर, पवन गुप्ता और मुकेश को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा दी जानी है।