नई दिल्ली। एक बार फिर निर्भया गैंगरेप मामले में चारों दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी गई। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के जज धर्मेंद्र राणा ने सोमवार को निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या के चारों दोषियों की मौत की सजा पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी। अदालत के अनुसार जब कि दोषी पवन कुमार गुप्ता की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है, फांसी पर अमल नहीं किया जा सकता इसलिए अगले आदेश तक फांसी को लंबित किया जाता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि पवन की दया याचिका उन्हें मिल गई है। अब मंत्रालय यह याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजेगा और वह इस पर विचार करेंगे तथा फैसला लेंगे।
बता दें कि निर्भया के साथ दक्षिण दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक चलती बस में गैंगरेप हुआ था और उसके साथ क्रूरता की हद पार कर दी गई थी। मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय कुमार सिंह, पवन गुप्ता, राम सिंह और एक किशोर को इस मामले में दोषी पाया गया था। राष्ट्रपति मुकेश, विनय और अक्षय की दया याचिका अस्वीकार कर चुके हैं। राम सिंह ने जेल में आत्महत्या कर ली थी और किशोर को सजा पूरी करने के बाद रिहा कर दिया गया था। पहले पवन कुमार की सुधारात्मक याचिका सुप्रीम कोर्ट ने आज खारिज की जिसके बाद उसने दया याचिका के लिए राष्ट्रपति को अर्जी दाखिल की। अब चूंकि राष्ट्रपति के पास पवन की याचिका दाखिल की गई है तो दोषियों की फांसी की सजा तीसरी बार नहीं दी जा सकी। दिल्ली कोर्ट ने तीसरी बार डेथ वारंट जारी किया था और तीसरी बार निर्भया के दोषियों को सजा नहीं हो पाई। निर्भया के दोषियों की फांसी कानूनी दांव पेंच में लंबित हो रही है।
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