नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में दोषियों के तिकड़म चल रहे हैं। निर्भया मामले में तीन मार्च को फांसी की सजा के लिए डेथ वारंट जारी हुआ है। निर्भया के चार दोषियों में से एक विनय शर्मा नया दांव चलते हुए चुनाव आयोग पहुंच गया है। दोषी विनय के वकील एपी सिंह चुनाव आयोग में याचिका दाखिल की है। उन्होंने याचिका दाखिल कर राष्ट्रपति के पास दया याचिका खारिज करने की दिल्ली सरकार की सिफारिश पर सवाल उठाया है। वकील एपी सिंह ने याचिका में दिल्ली सर कार की सिफारिश करने पर सवाल उठाया है। बता दें कि दिल्ली सरकार ने विनय की दया याचिका राष्ट्रपति से खारिज करने की सिफारिश की थी। वकील एपी सिंह ने याचिका में कहा कि दिल्ली सरकार ने राष्ट्रपति से विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की थी उस वक्त दिल्ली में आचार संहिता लागू थी। दोषी विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की ओर से 30 जनवरी को राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की गई तो उस वक्त आचार संहिता लागू थी और सिफारिश पर सत्येंद्र जैन की मूल दस्तखत नहीं थे। वकील एपी सिंह ने कहा, ‘चुनाव आयोग में याचिका इसलिए दाखिल की है क्योंकि 30 जनवरी को दोषी विनय की दया याचिका में दस्तखत की जो बात सामने आई है उसमें सतेंद्र जैन ने दस्तखत नहीं किए थे। बाद में ओएसडी सिसोदिया ने स्क्रीन शॉर्ट के जरिए दया याचिका पर दस्तखत की कॉपी लगा दी। जब वह विधायक ही नहीं थे तो वह होम मिनिस्टर के पद का इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं। चुनाव आचार संहिता क्या कहती है, आदर्श आचार संहिता क्या कहती है?’