नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने कल यानी एक फरवरी को निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों को फांसी दिए जाने के डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धमेंद्र राणा ने चारों दोषियों की अर्जी पर शुक्रवार को यह आदेश जारी किया। दोषियों के वकील ने एक फरवरी को दोषियों को दी जाने वाली फांसी पर रोक लगाने की याचिका दायर की थी। जिस पर दिल्ली की अदालत ने अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है। इसकी वजह से अब एक बार फिर निर्भया के दोषियों की फांसी रोक दी गई है। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के तीन दोषियों के अनुरोध वाली याचिका की सुनवाई को दिल्ली की एक अदालत में चुनौती दी थी। दोषी अक्षय ठाकुर, विनय शर्मा और पवन गुप्ता के वकील एपी सिंह ने कोर्ट में दलील दी कि ये दोषी आतंकवादी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि जेल मैनुअल के नियम 836 का हवाला दिया जिसमें कहा गया है कि ऐसे मामले में जहां एक से अधिक लोगों को मौत की सजा दी गई है, वहां दोषियों को तब तक फांसी की सजा नहीं दी गई है जब तक उन्होंने अपने कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल ना कर लिया हो।