Nirbhaya case: Now Akshay reaches the President’s shelter, Vinay Sharma’s mercy petition has been dismissed earlier: निर्भया केस: अब अक्षय पहुंचा राष्ट्रपति की शरण में, विनय शर्मा की दया याचिका पहले हो चुकी खारिज

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नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले में सात सालों से न्याय की गुहार लगाई जा रही है। वहीं दूसरी ओर चारों दोषियों का फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है लेकिन दोषी कानूनी दांव पेंच लगाकर किसी तरह से इस फांसी से बचना चाह रहे हैं। निर्भया के दोषियों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति ने खारिज कर दी है। जबकि दोषी अक्षय ठाकुर ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दयार की है। विनय से पहले मुकेश सिंह की दया याचिका भी राष्ट्रपति खारिज कर चुके हैं। जबकि एक अन्य गुनाहगार पवन गुप्ता ने अभी तक दया याचिका दाखिल नहीं की है। अक्षय कुमार की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की थी। अब वह अपने एकमात्र विकल्प राष्ट्रपति के समझ दया याचिका का विकल्प इस्तेमाल कर रहा है। अक्षय ने अपनी सुधारात्मक याचिका में कहा गया था कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जन दबाव और जनता की राय के चलते अदालतें सभी समस्याओं के समाधान के रूप में फांसी की सजा सुना रही हैं। अक्षय ने अपनी याचिका में दावा किया था कि दुष्कर्म एवं हत्या के करीब 17 मामलों में शीर्ष न्यायालय के तीन जजों की पीठ ने मौत की सजा में बदलाव कर उसे कम किया है। बता दें दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट दो बार जारी किया था। दूसरी बार आज यानी एक फरवरी को दोषियों को फांसी दी जानी थी लेकिन उनके कानूनी विकल्प इस्तेमाल नहीं होने के कारण उन्हें अगले आदेश तक फांसी नहीं दिए जाने का आदेश अदालत ने शुक्रवार को जारी किया। निर्भया के पिता ने फांसी में देरी के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, केजरीवाल ने ट्वीट कर दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है। सुनवाई के दौरान जेल प्रशासन ने कहा, विनय को छोड़कर किसी की दया याचिका या अन्य कोई याचिका लंबित नहीं है। इसलिए उसके अलावा तीनों को शनिवार सुबह फांसी दी जा सकती है। वहीं, दोषी मुकेश की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने इसका विरोध किया और कहा कि अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट के 1982 के फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, अगर एक मामले में एक से ज्यादा को मौत की सजा हुई है तो उन्हें फांसी भी एक साथ ही दी जा सकती है।