नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले मेंचार दोषियों की सजा से बचने की कवायद लगातार जारी है। भले ही उनकी दया याचिका तक राष्ट्रपति की ओर से रिजेक्ट कर दी गई हो लेकिन दोषी नए-नए कानूनी हथकंडे अपना कर अपनी फांसी की सजा को टालने का भरपूर प्रयास कर रहे थे। बता दें कि दोषियों के खिलाफ तीन बार पहले डेथ वारंट जारी किया जा चुका है लेकिन अब तक कानूनी पचंड़ों की वजह से उन्हें फांसी नहीं दी जा सकी है। अब दोषी पवन की ओर से फांसी को टालने के लिए कानून का फिर से सहारा लिया गया है। उसनेफांसी की सजा से बचने के लिए दिल्ली हाईकोर्टकी ओर रुख किया है। दोषी पवन ने अपने वकील के जरिए दाखिल याचिका में ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। उसने इस मामले के एकमात्र गवाह की विश्वसनीयता पर प्रश्न खड़े किए हैं। यही नहींं इसके पहले भी दोषी पवन ने कोर्ट मेंपुलिसर्मियोंद्वारा मारपीट करने का आरोप लगाया था। दोषी विनय भी उपराज्यपाल को अपनी फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की याािचका दाखिल कर चुका है। बता दें कि कोर्ट ने नए आदेश के अनुसार अब चारों दोषियों को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी की सजा होनी है। दोषी पवन मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर रजिस्टर कराने के लिए कोर्ट पहुंचा है। उसने मारपीट का आरोप लगाया है। कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किया है। निर्भया गैंगरेप के दोषी पवन ने दिल्ली स्थित मंडोली जेल के दो पुलिसकर्मियों के खिलाफ मारपीट का आरोप लगाया है। उसका कहना है कि इससे उसके सिर में चोटें आईं। कोर्ट ने इस मामले में जेल प्रबंधन को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी।