NIA will investigate Tarn Taran blast एनआईए करेगी तरनतारन विस्फोट की जांच

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चंडीगढ़। तरनतारन में 5 सितंबर को हुए धमाके का मामला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हवाले करने की प्रदेश सरकार सरकार की सिफारिश को केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। इस मामले का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संबंध होने और पाकिस्तान आधारित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के दोषियों के साथ संदिग्ध संबंध होने के मद्देनजर ऐसा किया गया है। एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इस संबंधी आधिकारिक सूचना मुख्य सचिव और डीजीपी पंजाब को प्राप्त हो गई है।
तरनतारन जिले के गांव पंडोरी गोला के बाहरी खाली प्लॉट में हुए शक्तिशाली बम धमाके से संबंधित केस दर्ज किया गया था। इस धमाके में 2 व्यक्ति मारे गए थे और एक अन्य जख्मी हो गया था। यह धमाका उस समय हुआ था जब मारे गए व्यक्ति बारूद की खेप को निकालने के लिए एक गड्ढा खोद रहे थे। पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान आधारित गिरोह के 8 सदस्यों को गिरफ्तार किया है जिनकी पूछताछ के बाद जटिल साजिश और इस गिरोह के हमलों की बात सामने आई है जिनमें 2016 में किया गया हमला भी शामिल है। मुख्य साजिशकर्ता बिक्रमजीत सिंह उर्फ ग्रंथी और इस गिरोह के 7 अन्य सदस्य अभी भी भगौड़े हैं। ग्रंथी बारे माना जा रहा है कि वह आस्ट्रिया में है। पेशे के तौर पर ग्रंथी और दमदमी टकसाल का पैरोकार बिक्रम पाठक के तौर पर काम करता है। वह अत्यंत कट्टर सोच वाला व्यक्ति है। उसने मशहूर राजनैतिक शख्सियतों और सामाजिक -धार्मिक संस्थाओं, स्थानीय विरोधी राजनीतिज्ञों, हिंदू नेताओं और सिख प्रचारकों को देसी बमों की मदद से निशाना बनाने की योजना बनाई थी। भगौड़े दूसरे व्यक्तियों की पहचान गुरप्रीत सिंह (कैलिफोर्निया, अमरीका आधारित), गुरविन्दर सिंह प्रिंस (कैलिफोर्निया, अमरीका आधारित), सोढी सिंह (इस समय अर्मीनिया में रह रहा), अरविन्दर सिंह हनी, कुलदीप सिंह और रणजीत सिंह बब्बू 3 जून, 2016 को अमृतसर के एक शराब के ठेके पर हमला करने के बाद अमरीका फरार हो गए थे।
पुलिस की तरफ से अब तक पकड़े गए व्यक्तियों की पहचान हरजीत सिंह, मनप्रीत सिंह मान, चन्नदीप सिंह खालसा उर्फ गब्बर सिंह, मलकीत सिंह उर्फ शेर सिंह उर्फ शेरा, मनदीप सिंह उर्फ मस्सा सिंह, अमृतपाल सिंह उर्फ अमृत, अमरजीत सिंह उर्फ अमर और हस्पताल में उपचाराधीन गुरजंट सिंह के तौर पर की गई है।