Rohtak News (आज समाज) रोहतक: लाओस, थाईलैंड और अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में मानव तस्करी और साइबर धोखाधड़ी मामले के तार बहादुरगढ़ से भी जुड़ गए हैं। इस मामले में एनआईए ने बहादुरगढ़ के दो युवकों को काबू किया है। इसके अलावा दो अन्य को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। बहादुरगढ़ के लाइनपार के शंकर गार्डन की गली नंबर तीन निवासी साहिल पुत्र बिजेंद्र कुमार और सेक्टर 7 निवासी आशीष उर्फ अखिल पुत्र रामकरण को पकड़ा है। आशीष की मां राजेश देवी ने बताया कि उसके बेटे के पास साहिल निवासी लाइनपार के फोन आते थे और वही उससे लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर फोन करवाता था। इसका बेटा 12वी पास हैं और आईटीआई से डिप्लोमा किया हुआ है। कई दिन पहले उसे एनआईए टीम अपने साथ ले गई थी। बताया गया है कि ये लोग गुरुग्राम के रहने वाले बॉबी कटारिया से भी जुड़े हुए है। एनआईए ने दिल्ली के मंजूर आलम उर्फ गुड्डू, सिवान (बिहार) के पवन यादव उर्फ अफरोज उर्फ अफजल को भी पकड़ा है। ये सभी संगठित तस्करी सिंडिकेट का हिस्सा थे जो आकर्षक नौकरियों की पेशकश के बहाने भारतीय युवाओं को विदेश में ले जाने और तस्करी करने में शामिल थे। एनआईए की जांच आरसी-09/2024/एनआईए/डीएलआई में यह राजफाश हुआ है। तस्करी किए गए युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्राइंगल एसईजेड और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र के अन्य स्थानों पर फर्जी काल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया गया था, जो भारत, लाओस और अन्य देशों के विभिन्न हिस्सों में स्थित आपरेटरों के माध्यम से विदेशी नागरिकों द्वारा संचालित विशाल नेटवर्क का हिस्सा थे। इन काल सेंटरों के माध्यम से युवाओं को निवेश घोटाले, रिलेशनशिप घोटाले, क्रिप्टो करेंसी घोटाले आदि जैसी अवैध आनलाइन गतिविधियों को अंजाम देने के लिए मजबूर किया गया। बता दे कि एनआईए ने 19 जून 2024 को दिल्ली पुलिस से यह मामला अपने हाथ में लिया था, ऐसे सभी मानव तस्करी सिंडिकेट को खत्म करने के उद्देश्य से अपनी जांच जारी रखे हुए है। इस साल मई की शुरूआत में एजेंसी ने संबंधित राज्य/यूटी पुलिस के सहयोग से छह राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में 15 स्थानों पर व्यापक तलाशी ली थी।