Fake Indian Currency Notes, (आज समाज), मुंबई: राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मुुंबई अदालत ने जाली नोटों के मामले में 4 आरोपियों को 5 साल कैद की सजा सुनाई है। इस साल यानी 2025 में यह पहला मामला है जब एनआईए ने किसी मामले में आरोपियों को सजा सुनाई है। अधिकारियों के अनुसार राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने आरोपियों के पास से 16 जनवरी, 2020 को नागपुर में 13.67 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए गए थे।
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हिरासत में लिए गए थे 5 आरोपी, 1 की जेल में मौत
अधिकारियों ने बताया कि मामले में नकली नोटों के साथ कुल पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। इनमें से अपराध केवल चार ने ही कबूल किया था। पांचवें आरोपी की न्यायिक कार्यवाही के दौरान लखनऊ जेल में मौत हो गई है। वारदात के अगले महीने यानी फरवरी-2020 में एनआईए ने मामला अपने हाथ में लेकिन 10 फरवरी को केस फिर से दर्ज किया था।
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ये हैं पांचों आरोपियों के नाम
गहन जांच के बाद, एनआईए ने गिरफ्तार आरोपियों, लालू खान, महेश बागवान, रणधीर सिंह ठाकुर और रितेश रघुवंशी के खिलाफ अप्रैल 2020 में अपना पहला आरोपपत्र दायर किया। पश्चिम बंगाल के मालदा निवासी सोहराब होसेन नामक पांचवां आरोपी उस समय तक फरार था और वांछित घोषित किया गया। बाद की जांच के दौरान एनआईए ने सोहराब होसेन को 29 जून, 2020 को गिरफ्तार कर लिया। उसे भारत-बांग्लादेश सीमा पर एफआईसीएन और फेंसेडिल कफ सिरप की तस्करी में शामिल पाया गया।
अदालत 3-3 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया
24 सितंबर, 2020 को उनके खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया गया था। हालांकि, विज्ञप्ति में कहा गया है कि लखनऊ जेल में हिरासत के दौरान होसेन की मौत हो गई। चारों आरोपियों ने मुंबई की विशेष एनआईए अदालत में अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार किया। अदालत ने सभी को पांच-पांच साल कैद की सजा के साथ ही तीन-तीन हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
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