Aaj Samaj (आज समाज), NGT Notice To 20 Stadiums. नई दिल्ली: देश के 20 स्टेडियमों पर बिना इजाजत के भूजल के इस्तेमाल का आरोप है जिसका नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कड़ा संज्ञान लिया है। इन 20 स्टेडियमों में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (एचपीसीए) का धर्मशाला स्टेडियम भी शामिल है। एनजीटी ने केंद्रीय भूजल प्राधिकरण को नोटिस जारी कर कानून का उल्लंघन करने वाले इन 20 स्टेडियमों के खिलाफ की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
- स्टेडियमों में बोरवेल या ट्यूबवेल, 20 के पास एनओसी भी नहीं
जुर्माना व पर्यावरण मुआवजे की डिटेल बताएं अथॉरिटीज
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य डॉक्टर ए सेंथिल वेल की पीठ ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि मानकों पर खरे नहीं उतरने वाले स्टेडियमों के खिलाफ प्राधिकरण जुर्माना और पर्यावरण मुआवजा लगाने के बारे में विस्तार से बताए। एनजीटी ने जल शक्ति मंत्रालय की रिपोर्ट का अवलोकन किया और पाया कि एचपीसीए स्टेडियम सहित देश भर में 26 में से 24 क्रिकेट स्टेडियमों में बोरवेल या ट्यूबवेल पाए गए हैं और इनमें भूजल का इस्तेमाल करने के लिए 20 स्टेडियमों के पास तो अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) तक नहीं हैं।
26 में से केवल 4 स्टेडियम मानकों के अनुरूप
देश भर के 26 स्टेडियमों में से केवल चार स्टेडियम ही ऐसे हैं जो सभी मानकों के अनुरूप हैं। इनमें नरेंद्र मोदी स्टेडियम मोटेरा अहमदाबाद, एम चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलूरू, वीसीए स्टेडियम जामथा नागपुर और जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम कॉम्प्लेक्स रांची शामिल है। इनमें वर्षा जल संचयन प्रणाली, सीवेज उपचार संयंत्र और भूजल का उपयोग करने के लिए केंद्र से जारी अनापत्ति प्रमाणपत्र है।
10 ऐसे स्टेडियम किसी नियम का पालन नहीं कर रहे
एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला समेत देश में 10 ऐसे स्टेडियम हैं जो किसी भी नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। इनमें न तो वर्षा जल संचयन प्रणाली है और न सीवेज उपचार संयंत्र। भूजल का उपयोग करने के लिए भी इनके पास सरकार से जारी अनापत्ति प्रमाणपत्र नहीं है। इनमें डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी एसीए-वीडीसीए क्रिकेट स्टेडियम विजाग, एसीए स्टेडियम बारसापारा असम, शहीद वीर नारायण सिंह अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम रायपुर, ईडन गार्डन कोलकाता, एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला, ब्रेबॉर्न स्टेडियम क्रिकेट क्लब आॅफ इंडिया (सीसीआई), बाराबती स्टेडियम कटक उड़ीसा, आईएस बिंद्रा क्रिकेट स्टेडियम मोहाली, सवाई मानसिंह स्टेडियम जयपुर और स्पोर्ट्स हब इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम त्रिवेंद्रम शामिल हैं। इसके अलावा देश के 12 स्टेडियम आंशिक रूप से नियमों का पालन कर रहे हैं।
याचिकाकर्ता के आरोप
बता दें कि याचिकाकर्ता हैदर अली ने क्रिकेट मैदानों के रखरखाव के लिए भूजल के उपयोग के खिलाफ आवेदन दायर कर आरोप लगाया गया है कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से उपचारित पानी का उपयोग करने व वर्षा जल संचयन प्रणाली जैसे विकल्पों के बिना ही भूजल इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने कहा है कि यदि भूजल को खेल के मैदानों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा तो लोग पीने योग्य पानी से वंचित हो जाएंगे।
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