मनोज जोशी
ये हफ्ता विश्व फुटबॉल के लिए काफी मायने रखता है। ये संडे यूरो कप और कोपा अमेरिका कप में किसके लिए सुपरसंडे बनेगा, ये सवाल हर किसी के जहन में उठ रहा है। क्या इंग्लैंड पहली बार खिताब पर कब्जा कर पाएगा। क्या एकदम अलग स्टाइल से खेल रही इटली की टीम को अरसे बाद ये स्टाइल रास आएगा। क्या कोपा अमेरिका कप में नेमार और मैसी की टक्कर सबका ध्यान खींचने में सफल हो पाएगी।
वही अगर बात कोपा अमेरिका कप की की जाए तो इस बारे में फीफा ने बहुत ही दिलचस्प जानकारी दी है। उसके अनुसार अर्जेंटीना और ब्राजील के बीच अब तक कुल 105 मुकाबले खेले गए हैं जिनमें अर्जेंटीना की टीम 38 मौकों पर विजयी रही है जबकि ब्राजील की टीम 41 मौकों पर विजयी रही। दोनों के बीच 26 मुकाबले ड्रॉ रहे। गोल करने के मामले में भी दोनों टीमों में ज्यादा फर्क नहीं रहा। अर्जेंटीना ने जहां कुल 160 गोल किए तो वहीं ब्राजील ने 163 गोल किए। इस बार कोपा अमेरिका कप का फाइनल इन दोनों के बीच दस जुलाई को मरकाना स्टेडियम में खेला जाएगा।
बात अगर ब्राजील और अर्जेंटीना की हो और उसमें नेमार और मैसी का नाम न लिया जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता। दोनों अपनी टीमों के स्टार हैं। नेमार की सबसे बड़ी ताकत उनकी तेजी, ड्रिबलिंग, डॉजिंग और बॉल स्किल है। कोपा अमेरिका कप में भी उनकी ये तीनों चीजें दिखाई दी हैं। कई-कई बार तो वह तीन-तीन डिफेंडर्स को छकाकर गोल करने में माहिर हैं। वहीं मैसी फ्रीकिक के मामले में लीजेंड्री फुटबॉलर हैं। इस बार चार में से दो मौकों पर उनके गोल फ्रीकिक पर ही देखने को मिले। पूरी दुनिया जानती है कि वो राइट में खेलते हुए अंदर आते हैं और लेफ्ट फुटर से गोल करके सबको चौंका देते हैं।
उनकी इस खूबी के बावजूद उन्हें रोक पाना किसी भी टीम के लिए करीब-करीब नामुमकिन हो जाता है। बेशक ड्रिबलिंग में नेमार मैसी से कुछ ऊपर हैं
लेकिन कोपा अमेरिका कप में इस बार मैसी ने इस मामले में मामूली बढ़त हासिल कर ली है। नेमार इस मामले में सेकंड मोस्ट ड्रिबलर साबित हुए। चार मैचों में 21 मौकों पर उनकी शानदार ड्रिबलिंग देखने लायक थी। इस मामले में मैसी ने चार मैचों में 22 मौकों पर ऐसी ही ड्रिबलिंग करते दिखाई दिए हैं।
नेमार को पीएसजी का अनुभव भी खासा रास आ रहा है। वह इस टूनार्मेंट में दो गोल कर चुके हैं और तीन गोल में उनका हाथ रहा है जबकि मैसी ने टूनार्मेंट में चार गोल किए हैं और पांच गोल में उन्हों ने मदद की है। यह भी सच है कि अभी तक नेमार क्षमताओं के अनुरूप कॉन्टिनेंटल स्तर पर वैसा प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं जितनी उनमें कूवत है। ऐसा पिछले दस साल से कोपा अमेरिका में उनके प्रदर्शन को देखकर कहा जा सकता है। 2011 और 2015 में तो उनकी टीम बहुत जल्दी इस टूनार्मेंट से बाहर हो गई। तब पैराग्वे की टीम भी इस टीम पर पेनाल्टी शूट आउट में भारी पड़ी थी। वैसे नेमार को देश से खेलना पसंद है। चार साल पहले उन्होंने रियो ओलिम्पिक में भाग लिया और ब्राजील को पहला गोल्ड दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
वहीं लियोनेल मैसी की ज्यादातर कामयाबियां क्लब मैचों में ही देखने को मिली हैं। वह बात अलग है कि उनकी सदी के महानतम खिलाड़ियों में गणना की जाती है और उन्हें आल टाइम ग्रेट पेले और माराडोना की कतार में रखा जाता है। हालांकि अपने देश के लिए कोई बड़ा फाइनल न जीत पाने के लिए मैसी के टीम के साथियों को भी जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। उनकी टीम 2019 के कोपा अमेरिका कप से लेकर अगले 19 मैचों से अपराजित है।