Aaj Samaj (आज समाज), Newsclick News, नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किए गए समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक के संस्थापक (संपादक) प्रबीर पुरकायस्थ को जल्द रिहा करने के आदेश दिए हैं। गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने पुलिस के तौर तरीकों को लेकर भी गंभीर टिप्पणी की है।
न्यूजक्लिक पर लगे थे ये आरोप
बता दें कि न्यूजक्लिक पर भारत की संप्रभुता को बाधित करने और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए चीन से धन मिलने का आरोप लगाया गया था। समाचार पोर्टल के खिलाफ दर्ज एफआईआर में पुरकायस्थ पर 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया में व्यवधान पहुंचाने के लिए ‘पीपल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म’ (पीएडीएस) नामक समूह के साथ साजिश रचने के भी आरोप हैं।
पुलिस ने नहीं दिया था गिरफ्तारी का आधार
यूएपीए की सख्त धाराओं के तहत प्रबीर पुरकायस्थ को हिरासत में लिया गया था और वह सख्त कानून के प्रावधानों के तहत जेल में बंद हैं। पुरकायस्थ ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी के वक्त पुरकायस्थ को पुलिस ने गिरफ्तारी का आधार नहीं दिया था, इसलिए पुरकायस्थ जमानत के हकदार हैं। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जल्दबाजी पर भी सवाल उठाए थे। अदालत ने कहा था कि पुरकायस्थ के वकील को सूचित किए बगैर उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश कर दिया गया।
मामले में कुल 8 प्रोटेक्टेड गवाह : दिल्ली पुलिस
अभियोजन पक्ष का कहना है कि प्रबीर पुरकायस्थ ने न्यूजक्लिक पोर्टल के जरिये राष्ट्रविरोधी प्रचार को बढ़ावा देने के मकसद से चीन से फंडिंग हासिल की थी। इस मामले में उन्हें 3 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। 4 अक्टूबर को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। पुलिस का कहना है कि उनके केस में कुल 8 प्रोटेक्टेड गवाह हैं।
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